भू-रीछ ने बढ़ाई कानन की रौनक

BHASKAR MISHRA
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IMG-20160111-WA0009बिलासपुर—कानन पेण्डारी जू में  मादा रेटल यानी भू-रीछ ने एक स्वस्थ नर शावक को जन्म दिया है।  भू-रीछ का जू में प्रजनन बहुत ही कम होता है। इसके पहले कानन में मात्र एक नर भू-रीछ था। नंदन वन रायपुर जू में भी एक मादा भू-रीछ थी। कानन पेण्डारी जू प्रबंधन  ने नंदनवन रायपुर से मादा भू-रीछ को प्रजनन के लिए कानन दिसम्बर 2014 में कानन लाया गया। 02 सितम्बर 2015 को एक नर शावक ने जन्म लिया।  खुशी के साथ कानन प्रबंधन के लिए यह चुनौतीपूर्ण था।

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                           रेंजर टीआर. जायसवाल ने बताया कि भू रीछ का वयस्क नर से नवजात शिशु को मारे जाने का खतरा रहता है। जैसे ही जू कीपर से मालूम हुआ की मादा ने शावक को जन्म दी है। नर को अलग कर शावक और उसकी मां को केज अलग केज में अनुकूल वातावरण में रखा गया। शावक की उम्र अब चार महीने हो गयी है। शावक को अब उसके पिता से भी खतरा नहीं है। मादा भू-रीछ ने शावक को जन्म देने के बाद से जब तक मटन खाना शुरू नहीं किया तब तक अपने साथ सुरंग में रखा।

                जायसवाल ने बताया कि  मां अपने शावक को लगभग तीन माह तक अपने साथ सुरंग के अन्दर ही रखती है। किसी प्रकार की खतरा नहीं होने पर मादा भू-रीछ अपने शावक को पहली बार 24 दिसम्बर 2016 को बाहर निकाली। मां के साथ शावक का अठखेलियां देखते ही बनता है। 7 जनवरी 16 को कानन की मूल्यांकन पर आए केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली के सदस्य एस.सी. शर्मा ने  कानन में भू-रीछ की प्रजनन से पैदा हुए शावक को देखकर कानन प्रबंधन के ब्रिडींग प्रोग्राम की जमकर तारीफ की।

                     शर्मा ने यह भी जानकारी ली कि ऐसे कौन कौन से एकाकी वन्यप्राणियों की जोड़ा बनाकर कानन प्रशासन ने प्रजनन कराया। जायसवाल ने शर्मा को जानकारी दी कि कानन में पहले एक मात्र  मादा नीलगाय थी। प्रजनन के लिए नर नीलगाय को रायपुर नंदनवन से लाया गया। सफल ब्रीडिंग के बाद मादा नीलगाय ने दो शावकों को जन्म दिया है।

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