कलेक्टर का चश्मा, ध्यान बाटने की कोशिश

Chief Editor
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bhupesh1

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रायपुर ।प्रदेश  कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकारो से अनौपचारिक चर्चा करते हुये कहा है कि प्रधानमंत्री के छत्तीसगढ़ के दौरे की विफलता से ध्यान हटाने के लिये कलेक्टरों की वेषभूषा का मुद्दा उठाया गया है। रमन सरकार नये राजधानी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम नहीं करा पायी। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिये बनाये जा रहे डोम में इतना भ्रष्टाचार हुआ कि डोम कार्यक्रम के एक दिन पहले ही गिर गया। प्रधानमंत्री के छत्तीसगढ़ प्रवास के लिये बनाये गये डोम के बनाने में हुये घोटाले के बारे में सरकार के द्वारा कुछ नहीं कहा जा रहा है। मोदी के बस्तर दौरे के दौरान उसी दिन 500 से अधिक ग्रामीणों को नक्सलियो ने बंदी बनाया था इस दुर्भाग्यजनक घटना के बारे में चर्चा से ध्यान बंटाने की कोशिश है। 2100 रू. धान का समर्थन मूल्य, 300 रू बोनस, गरीबों के राषन कार्ड की बड़ी तादाद में निरस्तीकरण से ध्यान हटाने के लिये यह विशय उठाया जा रहा है। 2012 के सर्वे के आधार पर गरीबों को निराश्रित वृद्धापेंषन इन विशयों से ध्यान हटाने के लिये तथा अपने सरकार की नाकामियों को छुपाने एक अधिकारी के चश्मे के रंग पर बहस छेड़ दी गयी। अधिकारी के परिधान की मामूली चूक पर बहस प्रधानमंत्री मोदी के दौरे की विफलता से ध्यान हटाने के लिये ही की जा रही है। मूल विशय भूमि अधिग्रहण बिल, नक्सल समस्या, बोनस, वन अधिकार पट्टे और प्रधानमंत्री के दौरे की विफलता से ध्यान हटाने के लिये भाजपा सरकार इस मामले को तूल दे रही है। छत्तीसगढ़ की जनता के साथ की जा रही है इस धोखाधड़ी की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है। वेषभूशा के कारण जिस प्रधानमंत्री को अब परिधानमंत्री के रूप में जाना जाने लगा है। उसी प्रधानमंत्री के दौरे में कलेक्टर की वेषभूशा पर सवाल उठाना उचित नहीं है।

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