गुरूनानक स्कूल पर हो सकती है कार्रवाई

BHASKAR MISHRA
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IMG_20160317_155135 IMG_20160317_143150 बिलासपुर– जिला शिक्षा विभाग ने गुरूनानक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के खिलाफ छात्रों की कापी में गड़बड़ी के आरोपों की जांचकर रिपोर्ट पुलिस को सौंप दिया है। गुरूनानक शिक्षण समिति से संचालित उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय पर आरोप था कि संस्था के अध्यक्ष,प्राचार्य और शिक्षकों ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। नियमों को ताक पर रख फेल छात्रों को पूरक परीक्षा दिलाया गया। बाद उन्हें पास कर अगली कक्षा में प्रवेश दिया गया। चन्द्रप्रकाश छावड़ा की शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच रिपोर्ट को पुलिस के हवाले कर दिया है।

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                                दयालबंद स्थित गुरूनानक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के खिलाफ छात्रों के भविष्य से खिलवाड का आरोप है। गुरूनानक शिक्षण समिति के तात्कालीन सचिव चन्द्रप्रकाश छावाड़ा और उनके साथियों ने जिला शिक्षा अधिकारी और आई जी पवन देव से मिलकर पांच महीने पहले शिकायत की थी कि छात्रों की कापियों में अंक सुधारकर नियम विरूद्ध पास किया गया है। छावड़ा ने आईजी और जिला शिक्षाअधिकारी के सामने आशंका जाहिर की थी कि नियम विरूद्ध फेल छात्रों के अभिभावकों से  भारी भरकम राशि ली गयी है।

                                       तत्कालीन सचिव चन्द्रप्रकाश छावड़ा ने आई जी से जिला शिक्षाअधिकारी से पास छात्रों की कापी जांचने का अनुरोध किया था। शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। बाद में छावड़ा ने आई जी शिकायत की। छावडा ने बताया कि गुरूनानक स्कूल में रसूखदार नेता का दबदबा है। शिक्षण समिति उन्हीं के इशारे पर काम करती है। वे जो चाहते हैं प्राचार्य और शिक्षक वहीं करना होता है। छावडा के अनुसार साल 2014-15 में नवमी के छात्रों को नियम विरूद्ध फेल से पास किया गया। सचिव रहते हुए मैने इसका विरोध किया। लेकिन शिक्षण समिति के अध्यक्ष और प्राचार्य ने उनकी एक नहीं सुनी। फेल छात्रों को पास कर दिया गया। सचिव होने के नाते मैने सारी कापियों को जब्त किया। जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत भी की। लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।

            IMG-20160317-WA0009  सीजी वाल को छावड़ा ने बताया कि नियमानुसार कोई भी फेल छात्र कृपांक का बीस अंक लेकर पास हो सकता है। लेकिन वह पूरक नहीं हो सकता। बावजूद इसके समिति अध्यक्ष के इशारे पर फेल छात्रों को कृपांक का बीस अंक देकर पहले पूरक बनाया गया। बाद में उन्हें पास किया गया। ऐसे छात्रों की संख्या पचास से अधिक  है..जो फेल हैं। छात्रों के अभिभावकों से मोटी राशि ली गयी है। छावड़ा के अनुसार इससे कमजोर छात्रों का केवल नुकसान हुआ है। मेधावी छात्रों के भविष्य  पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

                   चन्द्रप्रकाश ने बताया कि गुरूनानक स्कूल में इस समय नकल चरम पर है। इसकी शिकायत हमने जिला शिक्षाधिकारी से की है। हमारा अनुरोध है कि नकल को किसी भी तरह से बंद किया जाए। इससे मेधावी छात्रों का नुकसान हो रहा है। नकल से कमजोर छात्रों की बुनियाद भी कमजोर हो रही है। शिक्षा विभाग से मांग की है कि सक्षम अधिकारी की देखरेख में नवमी और दसवी की परीक्षा हो।पुस्तिकाओं का मुल्यांकन बाहरी शिक्षकों से हो।

जांच रिपोर्ट पुलिस के हवाले

        IMG_20160317_133354गुरूनानक स्कूल की जांच रिपोर्ट पुलिस को सौंप दिया गया है। जांच में पाया गया है कि स्कूल कापी का मुल्यांकन ठीक तरीके से किया गया है। जो फेल है उसे फेल और जो पास है उसे पास किया गया है। लेकिन जैसा की आरोप है कि फेल को पास किया गया है। आरोप में सच्चाई है..लेकिन फेल को पास करने का काम मूल्यांकन करने वाले ने नहीं किया है। नियमानुसार जो छात्र- छात्राएं कृपा के बीस अंक देने से पास हो सकते हैं उन्हें कृपांक देकर पास किया जाना उचित है। लेकिन ऐसे छात्रों को बीस अंक देकर पूरक  की श्रेणी में नहीं लाया जासकता है। बीस अंक मूल्यांकन में पूरक आने वाले छात्रों को देकर उत्तीर्ण किया जा सकता है लेकिन फेल को पूरक में नहीं लाया जा सकता है। जांच में पाया गया है कि फेल छात्र को पूरक श्रेणी में कृपांक के नम्बर से लाया गया है। जो अनुचित है।

                                                                                                                          हेमंत उपाध्याय..जिला शिक्षा अधिकारी,बिलासपुर

भविष्य को लेकर उठाया कदमIMG_20160317_154725

                               सीजी वाल को गुरूनानक स्कूल के प्राचार्य चंदेल ने बताया कि  आठवी तक किसी छात्र को फेल नहीं किया जाता । इसके चलते छात्रों की बुनियाद कमजोर हुई है। गुरूनानक स्कूल में गरीब छात्रों को पढ़ाया जाता है। थोडा बहुत मैनेज ऐसे गरीब छात्रों के साथ किया जा सकता है। चंदेल के अनुसार नियमों की मुझे जानकारी है लेकिन गरीब छात्रों को कम से कम दसवीं तक पहुंचाने के लिए हमने बहुत बड़ा अपराध नहीं किया है। चंदेल ने बताया कि जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। मिलेगी तो कुछ बता पाउंगा कि क्या कुछ निर्णय लिया गया है। दोषी कौन है।

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