प्रभारी मंत्री करेंगे कर्मचारियों के तबादले

Shri Mi
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mantralay_rprरायपुर।राज्य सरकार ने वर्ष 2016-17 के लिए स्थानांतरण नीति और प्रक्रिया निर्धारित कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से शासन के समस्त विभागों, विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को वर्ष 2016-17 की स्थानांतरण नीति के संबंध में दिशा-निर्देशों के साथ विस्तृत परिपत्र जारी कर दिया। नीति के तहत जिला स्तर और राज्य स्तर पर स्थानांतरणों के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित की गई है। परिपत्र में बताया गया है कि जिला स्तर पर स्थानांतरण 15 जून 2016 से 15 जुलाई 2016 तक होंगे।
इसके अंतर्गत तृतीय श्रेणी (गैर-कार्यपालिक) तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर द्वारा किए जा सकेंगे। स्थानांतरण के लिए आवेदन 15 जून से 25 जून तक संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालयों में प्राप्त किए जाएंगे। स्थानांतरण प्रस्ताव संबंधित विभागों के जिला अधिकारी द्वारा तैयार किए जाएंगे और कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री को प्रस्तुत किए जाएंगे। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामले में उनके संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम पांच प्रतिशत तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे। परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किए गए तबादलों की गणना इस सीमा के लिए नहीं की जाएगी। ऐसे शासकीय सेवक जो एक स्थान पर एक वर्ष या उससे अधिक कालावधि से पदस्थ हों, केवल उन्हीं के स्थानांतरण किए जा सकेंगे। कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों के स्थानांतरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों और निर्देशों का पालन किया जाएगा। जिला कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण संभागीय कार्यालयों में शासन के पूर्व अनुमोदन से संभागीय अधिकारी ही कर सकेंगे और संभागीय कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों का स्थानांतरण जिला कार्यालयों में शासन स्तर से ही किया जाए। स्थानांतरण आदेश जारी होने पर उसका क्रियान्यन 30 जुलाई 2016 तक सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य स्तर पर स्थानांतरण 15 जून 2016 से 15 जुलाई 2016 तक विभाग द्वारा किया जा सकेगा। इसके लिए 15 जून से 25 जून तक आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। प्रत्येक स्तर के तबादले विभागीय मंत्री के अनुमोदन से ही किए जा सकेंगे। विभागीय मंत्री से अनुमोदन प्राप्त करने के लिए स्थानांतरण प्रस्ताव विभागाध्यक्ष द्वारा मंत्री के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए जाएंगे। प्रस्ताव /नस्ती आवश्यक रूप से छत्तीसगढ़ कार्यपालक शासन के कार्य नियम तथा उन नियमों के अधीन जारी किए गए निर्देशों तथा अनुदेश अर्थात् प्रशासकीय विभाग की सचिवालयीन प्रक्रिया के अनुसार अपर मुख्य सचिव /प्रमुख सचिव/सचिव के माध्यम से ही विभागीय मंत्री को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे और अनुमोदन के बाद आदेश विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे।
विभागों का यह दायित्व होगा कि यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवकों का गैर अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानांतरण का प्रस्ताव है, तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्य रूप से रखा जाएगा। शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों का जो असंतुलन है, उसे संतुलित करने पर विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। अनुसूचित क्षेत्र के शासकीय सेवक का गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण होने पर उसके एवजीदार के आने के बाद ही उसे कार्यमुक्त किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अनुसूचित क्षेत्रों के रिक्त पद भरे जाए। स्वेच्छा से, स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण में यह ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे स्थानांतरण प्रशासकीय दृष्टि से भी उचित हो। यदि किसी शासकीय सेवक की पत्नी अथवा पति द्वारा एक ही स्थान पर पदस्थापना के लिए आवेदन किया जाए तो यथा संभव प्रशासकीय सुविधा और जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक ही स्थान पर पदस्थापना देने का प्रयास किया जाए। किसी शासकीय सेवक को ऐसी पदस्थापना पाने का अधिकार प्राप्त नहीं होगा, लेकिन उसकी प्रार्थना पर विभाग द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार कर निर्णय लिया जाएगा। राज्य  स्तर पर प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के मामले में उनके संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15 प्रतिशत, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के मामले में अधिकतम 10 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के मामले में अधिकतम 5 प्रतिशत तबादले किए जा सकेंगे। विभागीय सचिव यह सुनिश्चित करेंगे, कि स्थानांतरण आदेश पूर्व परीक्षण पर आधारित हो और उनका क्रियान्वयन 30 जुलाई 2016 तक सुनिश्चित किया जाए।
किसी भी प्रकार के स्थानांतरण आदेश यदि निरस्त या संशोधित किए जाने हो तो ऐसे निरस्तीकरण, संशोधन आदेश का प्रस्ताव समन्वय में प्रस्तुत किया जाएगा और अनुमोदन के बाद ही निरस्त अथवा संशोधित किया जा सकेगा। जिला स्तर तथा विभाग स्तर से तबादलों पर 15 जुलाई 2016 के बाद से पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा, लेकिन अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों में प्रतिबंध अवधि में समन्वय में अनुमोदन के बाद ही स्थानांतरण किए जा सकेंगे। स्थानांतरण आदेश से व्यथित शासकीय सेवक द्वारा अपने तबादले के विरूद्ध अभ्यावेदन स्पष्ट आधारों के साथ स्थानांतरण आदेश के 15 दिन के भीतर शासन स्तर पर गठित वरिष्ठ सचिव समिति के संयोजक एवं सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्तुत किया जाएगा। समिति द्वारा परीक्षण के बाद ऐसे आवेदनों पर अपनी अनुशंसा संबंधित विभागों को भेजी जाएगी और सबंधित विभागों का यह दायित्व होगा कि प्रकरण में आवश्यकतानुसार समन्वय में विधिवत अनुमोदन के बाद यथोचित आदेश पारित करें।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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