रायपुर । छत्तीसगढ़ मे आने वाले जून महीने की पहली तारीख से बिजली की दरें बढ़ जाएँगी। राज्य मिद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरों का सोमवार को एलान कर दिया है।जिस के मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओँ के लिए बिजली की दरें 12 फीसदी बढ़ गईं हैं। कांग्रेस ने प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाए जाने का विरोध किया है।
जानकारी के मुताबिक राज्य विद्यत वितरण कम्पनी ने 2-15-16 के लिए औसत लागत दर पर 5.29 रुपए प्रति युनिट के हिसाब से दर निर्धारित करने की मांग की थी। लेकिन नियामक आयोग ने 5.34 रुपए प्रति युनिट के औसत दर को मान्यता दी है। उधर प्रदेश सरकार ने दर नियंत्रित करने के लिए 450 करोड़ का अनुदान दिया है। जिससे औसत दर 5.10 रुपए प्रति युनिट निर्धारित किया गया है।नई दरें एक जून से लागू होंगी। जिसके तहत घरेलू उपयोग में प्रति युनिट 39 पैसे और खेती के उपयोग में 46 पैसे प्रति युनिट के हिसाब से बढ़ोतरी हो जाएगी।जबकि भारी स्टील उद्योगों के लिए बिजली की दरें सर्वाधिक एक रुपए दो पैसे हो जाएगी।
कांग्रेस ने प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाए जाने का विरोध किया है।छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा पुनः 11 से 14 प्रतिषत तक बिजली के दाम बढ़ाये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं अभनपुर विधायक धनेन्द्र साहू ने इसे प्रदेश की जनता के साथ विशवासघात कहा। भाजपा सरकार ने राज्य और केन्द्र सरकार ने जनादेश प्राप्त करने के लिये महंगाई कम करने का वादा किया और चुनाव लड़ा और जीता। अब सरकार उपभोक्ताओं के सीने में खंजर भोंकने का काम कर रही है। बिजली के दाम की बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा मध्यम वर्गीय एवं किसानो पर पड़ेगा। छत्तीसगढ़ की सरकार के निशाने पर पहले से ही किसान है हर स्तर पर किसानो की उपेक्षा की जा रही है। बिजली कंपनियों की बदइंतजामी के लिये राज्य की भाजपा सरकार जिम्मेदार एवं दोषी है। कांग्रेस ने मांग की है कि बिजली के दाम तत्काल वापस करे और प्रदेश की जनता को राहत पहुंचायें।