बिलासपुर– मरवाही विधायक ने प्रदेश सरकार से महानदी मामले में श्वेत पत्र की मांग की है। जोगी ने प्रेस वार्ता में सरकार से पूछा है कि बीजेडी का डेलीगेशन किसके अनुमति से महानदी मामले में छानबीन करने आयी थी। सरकार स्पष्ट करना होगा। मरवाही विधायक ने राज्य के कृषि और जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर दोहरा चेहरा रखने का आरोप लगाते हुए पत्रकारों को ऑडियो क्लिप भी सुनाया। ओडियो क्लिप में बृजमोहन अग्रवाल ओडिशा के स्थानीय चैनल को बीजेडी डेलिगेशन को सुरक्षा देने की बात कही है।
मरवाही सदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मरवाही विधायक ने सरकार और जलसंसाधन मंत्री पर निशाना साधा है। इस दौरान उन्होने आडियो क्लिप भी सुनाया। जिसमें ओडिशा के स्थानीय चैनल को बृजमोहन अग्रवाल ने बताया है कि डेलिगेशन को ईएनसीए चीफ इंजीनियर मार्गदर्शन देंगे। इस दौरान वे जो चाहेंगे उसकी जानकारी और सुरक्दीषा जाएगी।
जोगी ने मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि दूसरे दिन बृजमोहन ने छत्तीसगढ़ के अखबारों को बयान जारी किया है कि महानदी मसले पर ओडिशा के राजनीतिक दलों को बार बार के दौरे को व्यर्थ बताया है। दोहरे बयान पर मंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
अमित जोगी ने सवाल उठाया कि बीजेडी के राजनैतिक दल में केवल वो प्रदर्शनकारी मंत्री और सांसद और विधायक हैं जो पिछले 15 दिनों से छत्तीसगढ़ विरोधी अभियान चला रहे हैं। ऐसे दल को किस अधिकार नियम या प्रोटोकॉल से जल संसाधन मंत्री ने महानदी की परियोजना की जानकारी देने को कहा है। कहीं यह किसी गुप्त सौदे की बिसात तो नहीं बिछाया जा रहा है।
जोगी ने पत्रकारों के सवाल पर बताया कि बृजमोहन अग्रवालघ् इतना बड़ा निर्णय किसके इशारे पर लिया है। उन्हें स्पष्ट करना होगा। छत्तीसगढ़ विरोधियों का स्वागत सत्कार कर उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान किया है। छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता का भरोसा तोडा है। पोलवरम मुद्दे पर भी बृजमोहन की भूमिका संदेहास्पद रही है। बृजमोहन ने मौसम आधारित फ़सल बीमा के नाम पर किसानों को 750 करोड़ रुपए का चूना लगाया है।
जोगी ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से छत्तीसगढ़ के जल संसाधन मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हैं। जल संसाधन मंत्री के हाथों में हमारी माँ महानदी और सहायक नदियों की रक्षा की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती। इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और राज्यपाल से करेंगे।
पत्रवार्ता के दौरान विधानसभा पूर्व उपाध्यक्ष धरमजीत सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने भी संक्षिप्त पत्रवार्ता में भाजपा सरकार पर निशाना साधा और श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है।