राजस्व विवाद मुक्त  संभाग बनाने  गंभीरता से काम करे प्रशासन

Chief Editor
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बिलासपुर । संभागीय कमिश्नर  सोनमणि बोरा की पहल पर बिलासपुर संभाग को राजस्व विवाद मुक्त संभाग बनाने की शुरूआत हो गई है। इस योजना को अमल में लाने के लिए विशेष राजस्व समाधान अभियान चलाया जा रहा है। संभागायुक्त श्री सोनमणि बोरा ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया कि बिलासपुर को नंबर-1 राजस्व विवाद मुक्त संभाग बनाने के लिए गंभीरता से कार्य करें।

वीडियो कान्फ्रेसिंग में संभागायुक्त ने संभाग में 25 मई से प्रारंभ हुए राजस्व समाधान अभियान की प्रगति से समीक्षा की और कहा कि इस अभियान के संबंध में 20 बिन्दुओं पर जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी हर ग्राम सचिव, सरपंच, पटवारी को दी जाये। साथ ही स्थानीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के अध्यक्ष, सदस्यों को भी अभियान अन्तर्गत आयोजित राजस्व समाधान शिविरों के बारे में बताया जाये। उन्होंने कहा कि हरेक गांव को राजस्व विवाद मुक्त ग्राम बनाना है। लंबित न्यायालयीन प्रकरणों को प्राथमिकता से निराकृत किया जाये और इसकी प्रतिदिन के प्रगति की रिपोर्ट दी जाये। उन्होंने 31 मई तक तहसीलों एवं एसडीएम के न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का परीक्षण कर 15 अगस्त तक उन्हें निराकृत करने के निर्देश दिए। अभियान के दौरान सीमांकन प्रकरण के निराकरण में तेजी आने पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की।

संभागायुक्त के निर्देशानुसार संभाग के निःशक्तों का स्वयं अंतर्गत विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाया गया। इसकी समीक्षा बैठक में की गई। साथ ही संभागायुक्त ने आगामी बरसात की तैयारियों के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि 10 जून के पूर्व सभी नाले-नालियों की सफाई का कार्य पूर्ण कर लिया जाये । संभागायुक्त ने वृक्षारोपण के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि सभी जिलों में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्य किया जाये। स्कूलों, आंगनबाड़ी एवं अन्य शासकीय भवनों में 11-11 पौधे लगाने हेतु निर्देशित किया। श्री बोरा ने संभाग में रेशम परियोजना की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि वन विभाग द्वारा रेशम कीट पालन के लिए ज्यादा से ज्यादा भूमि उपलब्ध कराया जाये ।               बैठक में संभागायुक्त ने कहा कि चराई के लिए नरेगा अंतर्गत घास विकास कार्यक्रम को भी बड़े पैमाने पर लिया जाना चाहिए। इसके लिए गांव-गांव में चराई के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया। जिससे घरेलू पशुओं को चारे की समस्या नहीं होगी। बैठक में खाद-बीज बीमा उत्सव, लोक सुराज अभियान के लंबित आवेदनों तथा जनकल्याण मेला आयोजन के संबंध में भी चर्चा की गई।

वीडियो कान्फ्रेसिंग में जिला कलेक्टर्स, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वन विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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