रायपुर—छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अजीत जोगी ने राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर दो अनहोनी घटनाओं का पत्रकारों से जिक्र किया है। जोगी ने बताया कि राष्ट्रभक्तों को प्रदेश सरकार परेशान कर रही है। उन्होने प्रेस नोट जारी कर आरएसएस पर भी चुटकी ली है।
मीडिया को प्रेस नोट जारी करते हुए अजीत जोगी ने कहा है कि इस बार पन्द्रह अगस्त पर कुछ अनहोनी घटना सामने आयी है। तिरंगा यात्रा के माध्यम से धुर नक्सली क्षेत्र बस्तर के ग्राम गोमपाड़ा में सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी ने पहली बार तिरंगा फहराया है। जहां केवल नक्सलियों का काला झंडा ही फहराया जाता था। सोनी सोढ़ी के जज्बे और साहस को सभी को सलाम करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार सोनी सोढ़ी की तिरंगा यात्रा को जानबूझकर व्यवधान पहुंचाने का काम किया है। ताकि सोढ़ी अपने मकसद में कामयाब न हो सके। लेकिन सोनी ने सारी बाधाओं को पार करते हुए गोमपाड़ा में देश की शान और अस्मिता का प्रतीक राष्ट्रध्वज फहरा कर ही दम लिया।
जोगी ने आरएसएस पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस बार आजादी उत्सव के दिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक सघ के प्रमुख मोहन भागवत ने इतिहास रचा है। संघ मुख्यालय में पहली बार तिरंगा फहराया गया। अपने आप में संघ की सोच पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगाता है। जोगी ने कहा कि तिरंगा देश की आन बान और शान का प्रतीक है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को याद दिलाता है। देशवासी जानने को उत्सुक हैं कि आखिर क्या कारण है कि संघ परिवार ने देश की अस्मिता और सम्मान के प्रतीक तिरंगे को मुख्यालय और घरों में फहराने के लिए 70 साल का इन्तजार करना पड़ा। उन्हें अब तक तिरंगे से एलर्जी क्यों थी? क्या मोहन भागवत जनता की जिज्ञासा को शांत करेंगे।
जोगी ने कहा कि इस बार सोनी और मोहन भागवत ने साहस का परिचय दिया है। दोनों अनहोनी घटनायें अपने आप में बहुत से सवालिया निशान छोड़ती हैं। इतिहास इन दोनों अनहोनी घटनाओं को सदैव याद रखेगा।