जीएसटीः देश का बहुत बड़ा टैक्स रिफार्म…अमर

BHASKAR MISHRA
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CG-VIDHAN-SABHA.previewरायपुर—जीएसटी बिल सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया गया। वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी लागू होने से आम उपभोक्ताओं पर बोझ कम पड़ेगा। कर चोरी की संभावना खत्म होगी।  उत्पादन लागत कम होगी। पूरे देश में एक टैक्स सिस्टम काम करेगा। देश की एकता के लिए जीएसटी जरूरी है।

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                 जीएसटी पर चर्चा पर कांग्रेस सदस्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखने के लिए विशेष पहल करने का सुझाव दिया। पूर्व मंत्री  सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व में जीएसटी का विरोध करती रही है। हालांकि वाणिज्यिक कर मंत्री ने सफाई दी है कि हमने कभी भी जीएसटी का विरोध नहीं किया । राज्य के हितों को ध्यान में रखा जाए इस बात पर जरूर जोर दिया गया था।

                      मंत्री अग्रवाल ने जीएसटी बिल पेश करते हुए प्रस्ताव रखा कि सदन के दोनों सदनों से पारित संविधान के 122वें संशोंधन विधेयक-014 और संशोधन के समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने जीएसटी पर चर्चा करते हुए कहा कि टैक्स रिफार्म पर देर से सोचना शुरू हुआ। अग्रवाल ने बताया कि सबसे पहले 1954 में फ्रांस से जीएसटी शुरूआत हुईथी। हमारे देश में अभी वैट लगा हुआ है। एनडीए सरकार ने राज्यों के वित्त मंत्रियो की सशक्त समिति बनाई और वैट लागू हुआ।

               वाणिज्यिक कर मंत्री ने कहा कि जीएसटी की कल्पना को लेकर एनडीए सरकार ने कमेटी बनाई थी। बाद में यूपीए सरकार ने भी जीएसटी की अनुशंसा की। उन्होंने कहा कि साल 2005 से जीएसटी की यात्रा शुरू हुई और साल 2016 में संसद के दोनों सदनों में पारित हुआ। अब सारे राज्य और दल सहमत हुए कि जीएसटी आना चाहिए। उन्होंने इसके लिए पीएम नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली को धन्यवाद दिया। अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र और राज्य का अलग-अलग जीएसटी होगा।  तीन तरह के जीएसटी का प्रावधान है। सेंट्रल-स्टेट और आई-जीएसटी। आई-जीएसटी अंतर्राज्यीय व्यापार पर लगेगा। आयात को भी आई-जीएसटी में शामिल किया गया है।

                  देश में जीएसटी कितना लगेगा, यह उत्सुकता का विषय है।संविंधान के 279 क अनुच्छेद का जिक्र करते हुए अमर ने कहा कि इसके लिए जीएसटी काउंसिल बनाई जाएगी। इसमें राज्यों के वित्तमंत्री या वाण्यिककर मंत्री या राज्य के नामित सदस्य होंगे। केन्द्रीय वित्तमंत्री काउंसिल के अध्यक्ष होंगे। मंत्री ने कहा कि दर बदलने से टैक्स बदलना आसान नहीं होगा। किस रूप में कितना निराकरण किया जाए, यह काउंसिल तय करेगी। यह बहुत बड़ा टैक्स रिफार्म है। जीएसटी काउंसिल के सामने दर तय करने की चुनौती है।

 

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