आम आदमी के मूलभूत अधिकारों के लिए सरकार प्रतिबद्ध-रमन

Shri Mi
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HC_CMबिलासपुर।मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह शनिवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में आयोजित पूर्वी क्षेत्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के क्षेत्रीय सम्मेलन के उदघाटन मे शामिल हुए।सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने व संविधान में प्रदत्त मूलभूत अधिकारों को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए सरकार कार्य कर रही है। नक्सल, आंतक व भय से मुक्ति तथा निर्दोषों को न्याय दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। विशेषकर बस्तर में पीड़ितों को तेजी से न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें विधिक सेवा प्राधिकरण की अहम भूमिका है।

                                                     छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर के आॅडिटोरियम में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, वेस्ट बंगाल, अंडमान-निकोबार, उत्तराखण्ड राज्यों के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों का दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन विधिक सेवा कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन, चुनौतियां और आगे की राह विषय पर आयोजित किया जा रहा है। जिसका उद्घाटन सत्र आज मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दुरूस्थ क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति नहीं जानता कि उन्हें न्याय कैसे मिलेगा। विधिक सेवा प्राधिकरण न्याय का एक ऐसा फोरम है, जो एक बड़ा विश्वास समाज को देता है।

                                                   समाज में अपराध को रोकने के साथ-साथ यह भी प्रयास हो कि कोई अपराधी न बनें। न्याय प्रक्रिया की पहली सीढ़ी भूखे व्यक्ति के लिए खाने की व्यवस्था करना है। इसके लिए सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून बनाकर एक व दो रूपये किलो में चावल उपलब्ध कराकर भूख को कम करने का प्रयास किया। जेल में कैदियों की दशा अंत्यत सोचनीय होती है। जेल से बाहर आने के बाद भी उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान नहीं मिलता। सरकार ने कौशल उन्नयन का कानून बनाकर कैदियों के कौशल उन्नयन के लिए भरपूर प्रयास किया है। जिससे जेल से छूटने के बाद वे आत्मनिर्भर होकर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सके। जेल में बंद कैदी वर्षों तक न्याय का इंतजार करते हैं। उन्हें वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से त्वरित न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी जिला न्यायालयों में वीडियो कान्फ्रेसिंग व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने कहा कि विशेषकर बस्तर में लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कार्य किया जा रहा है।

                                                    मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति और 12 प्रतिशत अनुसूचित जातियों की है। राज्य के 44 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं। लोगों की एक आम धारणा है कि न्याय उसे मिलता है जिसके पास पैसा और ताकत है। गरीब और शोषित लोगों को न्याय दिलाने की अवधारणा के साथ विधिक सेवा प्राधिकरण कार्य कर रही है। हम त्वरित न्याय की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

                                                          सड़क, स्कूल जैसे विकास तो हो जाते हैं। लेकिन अनाथ बच्चे, विधवा महिलाएं एवं ऐसे जरूरतमंदों को न्याय दिलाने के साथ ही उनके कल्याण के लिए कार्य करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने ज्यूडिशियली का ध्यान बस्तर में किये जा रहे कार्यों की ओर दिलाया और उन्हे बस्तर के दंतेवाड़ा में बनाये गए एजुकेशन हब को देखने के लिए आंमत्रित किया। जहां नक्सल प्रभावित 5 हजार बच्चों को घर जैसे माहौल मंे शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि निःस्वार्थ भाव से सेवा करना छत्तीसगढ़ के लोगों का स्वभाव है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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