अपराध रोकथाम पर वैज्ञानिक चिंतन

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

police_workshopबिलासपुर—-अपराध पर अंकुश और मामलों को सुलझाने में वैज्ञानिक पद्धति की उपयोगिता पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन बिलासपुर विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया।जिला सत्र न्यायाधीश आरके शर्मा और पुलिस महानिदेशक एंव संचालक अभियोजन फोरेंसिक साईंस एम डब्ल्यू अंसारी ने क्रायक्रम में शिरकत किया। कार्यक्रम में आईजी विवेकानंद सिन्हा और पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव ने भी भाग लिया। सभी ने अपने विचारों को सबके सामने पेश किया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                      कार्यक्रम का प्रारंभ मुंगेली पुलिस कप्तान नीतू कमल सिंह के उद्भोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि अपराध के तरीको में बदलाव हुआ है। वारदातो को सुलझाने में पुलिस को हाई टेक होना पड़ेगा। साईबर अपराध से लेकर अन्य अपराधिक वारदात में आई पेचिदगी को सुलझाने में आज पुलिस के पास सबसे बड़ा हथियार वैज्ञानिक पद्धति ही है। जिला एंव सत्र न्यायाधिश आरके शर्मा ने साईबर अपराध और अन्य अपराधो में जांच के दौरान रखने वाली सावधानियो की जानकारी दी।

                                  उन्होने कहा कि जांच के दौरान थोड़ी चूक अपराधियों को बचने का मौका देता है। जांच के दौरान गंभीरता के साथ आस पास के वातावरण और घटनाक्रम को सूक्ष्मता से अवलोकन करने की जरूरत होती है। अपराध में पुलिस के पेश किये गये साक्ष्य और गवाहो के बयान में काफी मतभेद होते हैं। सामाज में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जनता से सीधे जुड़ा प्रशासनिक अंग है। लोगों को पुलिस से बहुत उम्मीद रहती है। पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि अपराधियों को सलाखो के पीछे भेजने में सहायक बने। कभी कभी पुलिस की भूमिका संद्धिग्ध होती है। इसके चलते फैसला सुनाने में काफी देर लग जाता है।

                             कई अपराध को सुलझाने के लिए वैज्ञानिक पहलुओं का सहारा लेना पड़ता है। कार्यशाला में पुलिस महानिदेशक एंव संचलाक अभियोजन फोरेंसिक साईंस एमडब्ल्यू अंसारी ने भी अपने विचार रखे। एडिश्नल एसपी शहर प्रशांत कत्लम ने धन्यवाद जाहिर किया। कार्यशाला में उपस्थित थाना प्रभारियों ने अपने अनुभवों को सबके सामने रखा।

                                   कार्यशाला में डॉक्टर एस सक्सेना ने बायोलाजी, सिरोलाजी, डीएनए और फिंगरप्रिंट विषय पर विस्तार से जानकारी दी। अभियोजन नरेन्द्र चंदेल ने चालान में की जाने वाली सामान्य गलतियो के बारे बताया। अपराध के बाद अपराधियो तक पहुचने में काल डिटेल और अपराध अन्वेषण में उनकी उपयोगिता पर प्रभाकर तिवारी ने अनुभवों को साझा किया।

       कार्यशाला के दूसरे दिन उत्तप्रदेश के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अरविंद चतुर्वेदी थाना,साईबर क्राईम पर व्याखान देगे। थाना प्रभारी सिविल लाइन नसर सिद्धीकी आईपीसी की धारा 364,365 पर प्रकाश डालेंगे। समापन कार्यक्रम में प्रतिभागियो को आईजी विवेकानंद सिन्हा प्रमाण पत्र देंगे।

Share This Article
close