कांग्रेसियों ने जलाया पुतला..सीएम का मांगा इस्तीफा

BHASKAR MISHRA

cng_putlaबिलासपुर—नरियरा में पुलिस अभिरक्षा के दौरान संतोष नोरगे की मौत के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी ने नेहरू चौक में धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारी कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार को जमकर कोसा और अंत में मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। सभी प्रदर्शनाकारियों को सांकेतिक रूप से गिरफ्तार करने के कुछ देर बाद पुलिस ने छोड़ दिया।

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                                  पुतला दहन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेताओं ने  दोषी पुलिस अधिकारियों को शासकीय सेवा से बर्खास्त करने की मांग की। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्गो की हालत भाजपा सरकार में बद से बदतर स्थिति में पहुंच गयी है। देश में छत्तीसगढ़ की पहचान दलित और आदिवासी समाज की संस्कृति, सभ्यता के नाम से जाना जाता है। सरकार बनाने में इनकी अहम भूमिका होती है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार इन्हीं वर्गो पर अत्याचार कर रही है।

                          युवा दलित संतोष नोरगे की घटना हो या एसटी, एससी. हास्टल से प्रताड़ित छात्राओं का मामला हो। हर जगह दलित और आदिवासी समाज प्रताड़ित हो रहा है। बस्तर में आदिवासी छात्राओं के साथ दैहिक अत्याचार जैसे अनेक घटनाएं भाजपा के चेहरे को बेनकाब करने के लिए काफी है। सरकार जांच की खानापूर्ति कर दोषी अधिकारियों को संरक्षण दे रही है। नरियरा की घटना में दोषी पुलिस अधिकारी को बर्खास्त करना चाहिए। पुलिस जनता की जान और माल की रक्षा के लिए है ना कि किसी की जान लेने के लिए?

                                    शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर ने कहा कि नरियरा की घटना मानव सभ्यता के मुंह पर कालिख है। दलितों, किसानों , महिलाओं, छात्र-छात्राओं पर अत्याचार हो रहा है। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ऐसा लगता है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। सरकार को उद्योगपति, पूंजीपति चला रहें हैं। प्रशासन और पुलिस अपनी मनमानी करने पर आतुर हैं।

                      ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि सरकार दलित, आदिवासी, किसान विरोधी है। इन पर लगातार अत्याचार किये जा रहें हैं। भाजपा के पास अनुसूचित जाति के आरक्षित विधानसभा के नौ सीटों पर जीत दर्ज है। बावजूद इसके दलितों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा से जीते हुए दलित विधायक इस अमानवीय कृत्य का विरोध करने का भी हिम्मत नहीं कर रहें हैं। जिसके कारण सरकार का दलितों के प्रति झुकाव और अत्याचार दोनों को प्रदर्शित करता है। दलित समाज जागरूक और स्वभिमानी समाज है। आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को निश्चित रूप से सबक सिखायेगी।

                      पूर्व विधायक देवचरण मधुकर ने कहा कि यह सरकार दलितों पर अत्याचार कर ही है। भय दोहन कर उनके अधिकारों का हनन कर रही है। नरियरा की घटना प्रशासनिक आतंकवाद का जीता- जागता उदाहरण है।

                             नेहरू चौक में मुख्यमंत्री के पुतला दहन के साथ-साथ कांग्रेसियों ने दोषी पुलिस अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। पुलिस ने 63 कांग्रेसियों को गिफ्तार कर कोनी थाना भेज दिया। करीब 4 घंटे बाद रिहा किया गया। गिरफ्तार देने वाले कांग्रेसियों में प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला, नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरूद्दीन, विधायक प्रत्याशी भूवनेश्वर यादव, उपनेता राजेश शुक्ला, रविन्द्र सिंह, पंचराम सूर्यवंशी, महेश पाण्डेय, जिलाध्यक्ष इंटक, कार्यालय सचिव सुभाष ठाकुर, चित्रकांत केसरी, मनोज शर्मा, मनोज पाण्डेय, हरमेन्द शुक्ला, अभिषेक दुबे, अविनाश बोलर, अजय सिंह ठाकुर, देवेन्द्र सिंह, यतीश गोयल, दीपक पाण्डेय, विजय वर्मा, अनिल सिंह चैहान, करम गोरख, स्वप्नील शुक्ला, काशी रात्रे, पार्षद रामा बघेल, दीपांशु, शैलेन्द्र जायसवाल, नवीन दुबे, दिवाकर दुबे, अशोक जोतवानी, अमित यादव, देवी सिंह, रामदुलारे रजक, विक्की आहूजा, निर्मल बतरा, दुर्गेश ठाकुर, विजय वर्मा, उमेश मौर्य, शिव यादव, रामायण रजक, विनोद साहू, कामता यादव, अखिलेश श्रीवास, नीरज सोनी आदि ने गिरफ्तारी दी। पुतला दहन में प्रदेश सचिव पंकज सिंह, महेश दुबे, अभय नारायण राय, ब्लाक अध्यक्षा शशि देवांगन, आशा पाण्डेय, सीमा पाण्डेय, सावित्री सोनी, शहर प्रवक्ता ऋषि पाण्डेय, पार्षद चंद्रप्रदीप बाजपेयी, किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील शुक्ला, ब्लाक कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष अरविन्द्र शुक्ला, जसबीर गुम्बर, स्वप्नील शुक्ला, तरूण तिवारी, विष्णु कौशल, दुलारे, संदीप बाजपेयी, प्रेमदास मानिकपुरी आदि बड़ी संख्या में कांग्रेस जन उपस्थित थे।

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