पूर्व गृहमंत्री ननकीराम का मिला साथ…आरके राय

BHASKAR MISHRA
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IMG-20161018-WA0199रायपुर…रायपुर प्रेस क्लब में गुण्डरदेही विधायक आरके राय ने प्रेस वार्ता में कहा है कि ताड़मेटला मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सरकार तत्काल कार्रवाई करे। दुर्भाग्य है कि सीबीआई के खुलासे के बाद एक सोची समझी रणनीति के तहतए प्रभावित आदिवासी परिवारों के हितों से हटकर संवेदनशील मामले को निजी लड़ाई तक सिमित किया जा रहा है।

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         आरके राय ने कहा कि आज गरीब आदिवासियों के बारे में कोई बात नहीं कह रहा है। मामले में अगर कोई दोषी है तो सरकार। राज्य सरकार पुलिस अधिकारी और जिम्मेदार पदों पर बैठे विपक्ष के दो नेता केवल एक दूसरे के खिलाफ कोरी और बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं। अधिकारी कहता है दोषी कहना है तो मुझे कहो। वहीँ नेता उसे औकात में रहने की बातें कर रहा है। चतुराई से मामले का रुख ही बदल दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी को नेता प्रतिपक्ष से कैसे बात करनी चाहिए। विपक्ष के नेता के साथ किस तरह व्यवहार करना चाहिए। यह सब एक दूसरे को याद दिलाया जा रहा है।

                          राय ने कहा कि सुनियोजित रणनीति के तहत बड़े मुद्दे और बड़ी मछली को बचाने के लिए लोगों का ध्यान मुद्दे से भटकाया जा रहा है।  लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। मैं सरकार और विपक्ष में सांठगांठ कर निजी राजनैतिक स्वार्थ के लिए काम कर रहे कुछ नेताओं को याद दिलाना चाहता हूँ कि मामला 252 गरीब आदिवासी परिवारों के घरों को जलाये जाने का है। एक पुलिस अधिकारी के बड़बोलेपन और विपक्ष के दो नेताओं के बीच का नहीं है।

राय ने कहा कि ताड़मेटला आगजनी से गरीब आदिवासियों की मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना पर राजनितिक रोटियां सेकना बंद करे नेता। अगर कुछ करना ही है तो सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएं। जिम्मेदारी लेकर प्रभावित आदिवासियों के लिए कुछ सकारात्मक करे।

राय ने बताया कि पांच साल पता नहीं चला कि आखिर ताड़मेटला में हुआ क्या था। कौन दोषी और कौन निर्दोष है। सीबीआई की जांच से प्रमाणित हो चुका है कि आग के लिए नक्सली नहीं बल्कि प्रशासन और शासन संयुक्त रूप से जिम्मेदार है। आदिवासियों के घरों को आग लगा देना बहुत बड़ी घटना है। छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर काला दाग है।

राय ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आदिवासियों के सच्चे हितैषी हैं तो अगले 48 घंटे के अंदर 252 प्रभावित आदिवासी परिवारों को उनके जलाये घरों के बदले पक्का मकान बना कर देने का आदेश जारी करें । दोषी शासन.प्रशासन का सच्चा और न्यायपूर्ण प्रायश्चित होगा।अगर सरकार जिम्मेदारी से भागती है तो प्रदेश के आदिवासी नेता जनप्रतिनिधि आदिवासी अधिकारी कर्मचारी लोगों के सहयोग से 252 आदिवासी परिवारों का घर बनाएंगे।

                        राय ने कहा कि अभियान में मेरे साथ पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कँवर भी साथ हैं। सुकमा से सरगुजा तक  सभी आदिवासी विधायकों और नेताओं से मिलेंगे। निवेदन करेंगे कि स्वेच्छा से अपने एक माह के वेतन का कुछ भाग 252 आदिवासी परिवारों के घर स्थापित करने के लिए दें।

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