बिलासपुर—पर उपदेश कुशल बहुतेरे…तुलसी दास की चौपाई किसी पर फिट हो या ना हो सरकारी काम काज पर सटीक बैठती है। शासन के आदेश के बाद नगर निगम ने स्वाइप मशीन लगाने व्यापारियों के नाक में दम कर दिया है। सारा काम काज छोड़कर नगर निगम अधिकारी आजकल दुकानों की खाक छान रहे हैं। आंख के सामने ही स्वाइप मशीन लगाने का दबाव बना रहे हैं। नगर निगम के स्वाइप भूत से व्यापारी हलाकान है। मजेदार बात है कि खुद निगम कार्यालय में ही स्वाइप मशीन अभी तक नहीं लगा है। जहां रोजना लाखों रूपए की बीलिंग होती है। बिजली आफिस,पोस्टआफिस,बीएसएनल कार्यालय,पेट्रोल पंप में भी स्वाइप मशीन नहीं लगा है। शासन के दोहरे चरित्र से जनता परेशान है।
नोटबंदी अभियान के बाद भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने प्रधानमंत्री ने अमेरिका प्रवास पर गए मुख्यमंत्री को फोन पर आदेश दिया कि छत्तीसगढ़ में स्वाइप मशीन से ज्यादा से ज्यादा लेन देन की प्रक्रिया हो। सीएम ने भी आनन फानन में मंत्रालय को आदेश दिया कि निगम समेत प्रदेश के सभी कार्यालयों समेत दुकानों में स्वाइप मशीन लगाने फरमान जारी किया। सीएम के निर्देश पर बिलासपर नगर निगम ने भी व्यापारियों को एक सप्ताह के भीतर स्वाइप मशीन लगाने का फरमान सुना दिया। पिछले तीन दिनों से निगम की 32 टीम दुकानों में पहुंचकर स्वाइप मशीन लगाने के लिए दबाव डाल रही है।
मजेदार बात है कि नगर निगम में प्रतिदिन हजारों लाखों रूपए जलकर,प्रकाश कर,समंपत्ति कर, समेत कई प्रकार के करों का भुगतान जनता करती है। निगम व्यापारियों पर स्वाइप मशीन लगाने का दबाव तो डालता है। लेकिन कार्यालय में स्वाइप मशीन अभी तक नहीं लगाया गया है। उपायुक्त मिथिलेश अवस्थी ने बताया कि जल्द ही निगम में भी स्वाइप मशीन लगाया जाएगा। फिलहाल हमें निर्देश है कि पहले व्यापारियों को स्वाइप मशीन लगाने के लिए दबाव बनाया जाए। उपायुक्त अवस्थी ने बताया कि पचास स्वाइप मशीन हमने निगम कार्यालय के लिए शासन से मांगा है। जब शासन से बजट या मशीन दिया जाएगा। निगम में भी लग जाएगा। फिलहाल अभी निगम को स्वाइप मशीन की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है।
सीजीवाल ने बीएसएनएल कार्यालय में भी स्वाइप मशीन नहीं देखा। कार्यालय प्रमुख एसके गडकरी ने बताया कि यहां रोजाना हजारों लाखों में बिल जमा होता है। बिल जमा करने के लिए अलग से काउंटर है। लेकिन स्वाइप मशीन नहीं है। फिलहाल इसकी अभी जरूरत भी नहीं है। गडकरी ने बताया कि लोग हाथों हाथ बिल का भुगतान कर देते हैं। स्वाइप मशीन लगने से कार्यालय को ना तो नुकसान है और ना ही फायदा। बल्कि समय की बरबादी ज्यादा ही है।
स्वाइप सभी जगह संभव नहीं…महावर
डाक अधीक्षक महावर ने बताया कि शासन से हमें स्वाइप लगाने का हमें निर्देश नहीं मिला है। आदेश होगा तो लगाया जाएगा। महावर ने बताया कि बिलासपुर डिवीजन के चार जिलों में 76 मुख्य पोस्ट आफिस है। 565 अतिरिक्त पोस्टआफिस कार्यालय हैं। शहरी क्षेत्रों में पीओएस तो लगाया जा सकता है। लेकिन ग्रामीण अंचलों में संभव नहीं है। कहीं मोबाइल कनेक्शन है तो कहीं नहीं है। ऐसी स्थिति में पीओएस लगाने का सवाल ही नहीं उठता है। पोस्ट आफिस अधीक्षक ने बताया कि पोस्ट आफिस से रोजाना औसत2 करोड़ रूपए का लेनदेन होता है। डिपोजिट रोजाना करीब डेढ़ करोड़ होता है। मनीआर्डर के अलावा बीलिंग का भी काम होता है।
अधीक्षक ने बताया कि हमारे यहां वैसे पीओएस की जरूरत तो नहीं है लेकिन आदेश के बाद लगाया जा सकता है। बिलासपुर में करीब दर्जन भर से अधिक जगहों पर बिजली बिल भी पटाया जाता है। लेकिन कहीं भी स्वाइप मशीन की व्यवस्था नहीं है। बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हमें भी पीओएस लगाने का आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलेगा तो जरूर लगाएंगे। विभाग में पहले से ही आनलाइन बीलिंग की व्यवस्था है।
सरकार के आदेशानुसार पेट्रोल पंप में पीओएस से भुगतान ग्राहक कर सकते हैं। फिलहाल अभी तक शहर के किसी भी पेट्रोल पंप में पीओएस तो लगाना दूर कर्मचारियों का कहना है कि हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। यदि पीओएस लगता भी है तो परेशानी ज्यादा होगी। हम लोग पेट्रोल की लम्बी लाइन को संभालेंगे या कार्ड लेकर स्वाइप करेंगे। इसमें विवाद भी ज्यादा है।
निशाने पर व्यापारी ही क्यों–
बहरहाल व्यापारियों को पीओएस लगाना अनिवार्य है। एक व्यापारी ने बताया कि हर बार व्यापारी ही निशाने पर क्यों होते हैं। ऐसा लगता है कि सरकार ने व्यापारियों को ही बेईमान और भ्रष्ट समझ लिया है। कार्यालयों में पीओएस की सबसे अधिक जरूरत है। व्यापारी ने बताया कि कोई परिवर्तन होता है तो सबसे पहले परिवर्तन की गाज व्यापारियों पर ही गिरती है। अब तो लगने लगा है कि व्यापार क्षेत्र में घुसकर हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। व्यापारियों का मनोबल टूट रहा है। जब जीएसटी लागू होने वाला है तो पीओएस की जरूरत ही क्या है। नाम नहीं छापने की शर्त पर व्यापारी ने बताया कि जहां सबसे ज्यादा भ्रष्ट लोगों का दरबार लगता है वे ही लोग पीओएस लगाने की बात कह रहे हैं। अच्छा होता कि पहले वे ही लोग अपने यहां स्वाइप मशीन लगाते ।