सीयू में डिजिटल वित्तीय साक्षरता पर कार्यशाला

Chief Editor
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katyashalaबिलासपुर। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली के द्वारा शुरू किये गये वित्तीय साक्षरता अभियान (विसाका) के अतंर्गत भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों के युवा स्वयंसेवकों के माध्यम से डिजिटल इकानॉमी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी संस्थान के ई-क्लास रूम में 14 दिसंबर 2016 को दोपहर 1 बजे एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

                                          “आओ…बदलाव के भागीदार बने” विषय पर आयोजित कार्यशाला की मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता रहीं। इसके अतिरिक्त वित्तीय साक्षरता की जानकारी देने हेतु भारतीय स्टेट बैंक कोनी शाखा की शाखा प्रबंधक सुश्री बॉबी अमिता मिंज की टीम भी मौजूद रही।

                                             बड़े और कड़े फैसले ही क्रांति कहलाते हैं यह बात कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने वित्तीय साक्षरता कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कही। नोटबंदी को एतिहासिक फैसला बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने एवं काले धन से मुक्त करने के लिए हमें कैश से कैशलेस इकानॉमी की तरफ आगे बढ़ना होगा।

                                               उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को काले धन की समान्तर अर्थव्यवस्था से नुकसान पहुंचा है जिससे छुटकारा पाने के लिए हमें इस कैशलेस जैसे सामाजिक आंदोलन का भागी बनना होगा। कुलपति महोदया ने युवाओँ से अव्हान किया कि संक्रांति के इस दौर में हमें राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए स्वयं एवं परिवार से जुड़े लोगों को नकदी के अतिरिक्त अन्य कैशलेस भुगतान के साधनों के प्रति जागरुक करना होगा।

                                               भारतीय स्टेट बैंक, कोनी शाखा की शाखा प्रबंधक सुश्री बॉबी अमिता मिंज, अनिका पुरा, राहुल कौशल एवं आलेख ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से ई-क्लास रूम में मौजूद शिक्षकों, अधिकारियों एवं छात्रों को डिजिटल माध्यम से भुगतान के तरीकों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बैंक में जमा धनराशि के भुगतान नकदी के बिना एसबीआई बड्डी, यूएसएसडी, यूपीआई एवं ई-वॉलेट के माध्यम से करने के तरीकों पर चर्चा एवं जानकारी दी।

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