बिलासपुर—-मस्तूरी गैंग रेप और हत्या मामले में कांग्रेस की नौ सदस्यी जांच टीम ने पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार बताया है। नौ सदस्यी टीम के प्रमुख डॉ.शिवकुमार डहरिया ने बताया कि मामले को भरसक दबाने का प्रयास किया गया। लेकिन ऐसा नहीं होने दिया गया। ममता खांडेकर दलित समाज से है इसलिए मामले को लीपापोती का प्रयास किया गया। कांग्रेस की नौ सदस्यी टीम ने मौके पर जाकर मामले गंभीरता से लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जुका है लेकिन अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन प्रारंभिक जांच में सामुहिक बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया है ।
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मामले में पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल के निर्देश में कांग्रेस ने 9 सदस्यी जांच टीम को देवगांव भेजा था। टीम में डॉ.शिवकुमार डहरिया, स्थानीय विधायक दिलीप लहरिया,अकतरा विधायक चुन्नीलाल साहू,कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव, ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला,शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर,राजकुमार अंचल को शामिल किया गया है। नौ सदस्यी टीम ने पुलिस और परिजनों से मिलकर जानकारी के बाद छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा की।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ.शिवकुमार डहरिया ने बताया कि प्रदेश का नाम अब छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि अपराधगढ़ हो गया है। मीना खलकों,सतीश नोर्के समेत कई मामले सामने आ चुके हैं। हर जगह मरने वाला दलित है। दलितों का प्रदेश में जीना हराम हो गया है। कभी पुलिस कस्टड़ी में दलित को मौत के घाट उतारा जा रहा है तो कहीं नक्सली बताकर मार दिया जाता है। दलित युवतियों का जीना हराम हो गया है।जयराम नगर के देवगांव में यही हुआ।
डहरिया ने बताया कि शुक्रवार को घटना होने के बाद पुलिस ने मामले को दबाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन पुलिस अपने मंसूबों में कामयाब नहीं मिली है। डहरिया ने बताया कि कांग्रेस की नौ सदस्यी टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। परिजनों से मुलाकात कर जानकारी ली है।
एक सवाल के जवाब में डहरिया ने बताया कि क्षेत्र में शराब पानी की तरह बिक रहा है। शिकायत के बाद भी ना तो पुलिस ने अवैध शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया और ना ही सरकार ने शिकायत को गंभीरता से लिया है।
स्थानीय विधायक दिलीप लहरिया ने बताया कि क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री के खिलाफ कलेक्टर और आबकारी विभाग से कई बार शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है। दिलीप लहरिया ने बताया कि भाजपा राज्य में कांग्रेस जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का कोई अर्थ नहीं होता है। यही कारण है कि हमारी कई बार की शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन ने कोचियों और अवैध शराब बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
अटल श्रीवास्तव ने कहा कि मानवता शर्मसार हो गयी है। दलित बच्ची के साथ जो कुछ हुआ उससे प्रदेश की जनता शर्मिंदा है। आरोपी अभी भी फरार हैं। पुलिस सिर्फ पकड़ने का दावा कर रही है। इसके पहले भी दलित युवतियों के साथ अत्याचार हुआ लेकिन बाद में रसूखदारों ने मिली भगत कर मामले को रद्दी के टोकरी में डाल दिया।
पत्रकारों को शिवकुमार डहरिया ने बताया कि जांच रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपा जाएगा। पीसीसी अध्यक्ष के निर्देश के बाद कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ता आगामी कदम उठाएंगे। डहरिया ने शराब बंदी और पुलिसिया कार्यप्रणाली के खिलाफ उग्र आंदोलन भी करेंगे। साथ ही पीड़ित परिवार के लिए सरकार पर राहत दिये जाने का दबाव भी बनाएंगे।