अंग्रेजी मे भी बनाए जाति प्रमाण पत्र-संभागायुक्त

Shri Mi
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jati_praman_patraबिलासपुर।अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने में राजस्व अधिकारी स्वविवेक से निर्णय लें। प्रमाण पत्र जारी करने में विलंब नहीं होना चाहिए।किसी जाति के संबंध में हिंदी की मात्रा में भ्रम हो तो अंग्रेजी में जाति प्रमाण पत्र जारी करें।संभागायुक्त निहारिका बारिक सिंह ने सोमवार को अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लिए जाति प्रमाण पत्र और राहत और पुर्नवास के बारे में हुई एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए ये बातें कही।मंथन सभाकक्ष में हुई कार्यशाला के पहले सत्र में अनुसूचित जाति, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जाति प्रमाण पत्र जारीकर्ता अधिकारियों एसडीएम व तहसीलदार व नायब तहसीलदारों की कार्यशाला हुई।

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                                                   संभागायुक्त ने मौजूद अधिकारियों को कहा कि जाति प्रमाण पत्र जारी करते समय प्रकरण के बारे मे जरूर लिखे।कार्यालय के संबंधित प्रभारी भी कभी-कभी इस संबंध में गड़बड़ी करते हैं। इसलिए उनके खिलाफ शिकायतें मिलती है तो उसे गंभीरता से लें।संभाग में 5वीं एवं 8वीं के शत्-प्रतिशत बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाएं।संभागयुक्त ने कहा कि जिन बच्चों ने आवेदन नहीं किया है उनसे आवेदन लें। जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में जो भी समस्या आ रही है, उसका इस कार्यशाला के माध्यम से निराकरण कराएं। नए आइडिया हो तो उसकी जानकारी दें।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर अत्याचार के मामलों में संवेदनशीलता से हो कार्यवाही
कार्यशाला में अनुसूचित जाति एवं जनजाति पर अत्याचार के मामलों में संवेदनशीलता से कार्यवाही करने पर जोर दिया गया। प्रकरण दर्ज एवं पीड़ितों को क्षतिपूर्ति का भुगतान त्वरित गति से हो। यदि प्रकरण न्यायालय में चल रहे है तो लंबित क्यों हैं, यह विशेष लोक अभियोजक को देखना होगा। जितने प्रकरण दर्ज हुए हैं, उनमें पीड़ितों के पुर्नवास के लिए नियमों का पालन सुनिश्चित हो। प्रकरणों के चालान हो रहा हैं कि नहीं और पीड़ित को क्षतिपूर्ति मिल कहा है कि नहीं यह जिला स्तरीय समिति को देखना है।

                                                            अत्याचार निवारण के लिए संशोधन एक्ट 2015 के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी गई। पहले अत्याचार के 22 श्रेणी थे वह अब बढ़कर 47 श्रेणियां हो गई है। बिलासपुर संभाग में अनुसूचित जाति व जनजाति के विरूद्ध जिस श्रेणी के अत्याचार हो रहे है, उसमें कमी लाने के लिए रणनीति खण्ड स्तर से जिला स्तर पर बननी चाहिए। संभाग में बलात्कार के मामले ज्यादा होते है। इस घटना में जब रिपोर्ट दर्ज होता है तो 7 दिन के भीतर पीड़ित को क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करें। ऐसी स्थिति में पर्याप्त सावधानी बरतें तथा जिला स्तर पर गंभीरता पूर्वक समीक्षा होनी चाहिए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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