बिलासपुर।हम सभी की जिंदगी का अंतिम लक्ष्य खुशी पाना है। यह बात पर्सनैलिटी डेवल्पमेंट एक्सपर्ट एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. रूपल ए. फरिश्ता ने कार्यशाला के दूसरे दिन छवि एवं व्यक्तित्व persona & personality तथा साक्षात्कार में हाव भाव का महत्व Body language and its importance in interview विषय पर गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के आंग्ल एवं विदेशी भाषा द्वारा आयोजित “कम्यूनिकेशन एवं सॉफ्ट स्किल” कार्यशाला में कही।
कार्यशाला के दूसरे दिन पहले तकनीकी सत्र में डॉ. फरिश्ता ने कहा कि शरीर की अपनी भाषा होती है जिसे आमतौर पर हम बॉडी लैंग्वेज के नाम से जानते हैं। सक्षात्कार के दौरान हमारी बॉडी लैंग्वेज हमारे बारे में बहुत सारी जानकारी देती है जिनमें हमारी सोच, व्यक्तित्व एवं फैसले लेने की क्षमता शामिल है। सकारात्मक सोच हमारे व्यक्तित्व के विकास के साथ मानसिक दृढ़ता बनाने में भी कारगर साबित होती है। उन्होंने कहा कि जीवन के अलग-अलग हिस्सों में हमारी सोच का असर हमारी शारीरिक भाषा पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, ऐसे में आवश्यक है कि हम सभी एकाग्रता एवं सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ें।
दूसरे तकनीकी सत्र में साक्षात्कार में आत्मविश्वास के साथ स्वयं को प्रस्तुत करने एवं अपनी बात स्पष्ट रूप से रखने के गुर डॉ. फरिश्ता ने कार्यशाला में शामिल हुए प्रतिभागियों को सिखाये। उन्होंने कहा कि साक्षात्कार में मूल्यांकन का आधार योग्यता के अलावा आपके आत्मविश्वास एवं सकारात्मकता के साथ अपनी बात को रखने पर भी होता है। उन्होंने छात्रों को वर्बल एवं नॉनवर्बल कम्यूनिकेशन के तौर-तरीके भी सिखाये जिसमें हाथ मिलाने, हाथ बांधने, उठने-बैठने के तरीके, निडरता से अपनी बात रखना एवं व्यक्तित्व विकास के तरीकों पर बल दिया।
6-8 फरवरी 2017 तक चलने वाली इस तीन दिवसीय कार्यशाला में 186 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। इस कार्यशाला को आंग्ल एवं विदेशी भाषा तथा कौशल विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हो रही है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक मौजूद रहे।