रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मुझे गांव में पैदा होने पर गर्व है। हम सबमें अपने गांवों के प्रति जुड़ाव होना चाहिए। शराबबंदी की दिशा में हमारे प्रयास लगातार जारी रहेंगे।मुख्यमंत्री माघ-पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार दोपहर प्रदेश में कबीर पंथ के प्रमुख आस्था केन्द्र दामाखेड़ा में छह दिवसीय संत-समागम के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि छह सौ वर्ष का लम्बा समय गुजर जाने के बावजूद संत कबीर के विचार आज भी सबके लिए प्रासंगिक और प्रेरणा दायक हैं। डॉ. सिंह ने कहा – संत कबीर सत्य के उपासक थे। उन्होंने सभी धर्मों के पाखंड को उजागर किया और अपने विचारों से तथा अपनी वाणी से तत्कालीन समय के राजाओं और बादशाहों को भी चुनौती दी, किसी को भी नही बख्शा। सबको सच्चाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी।
डॉ. सिंह ने कहा कि संत कबीर ने तत्कालीन समाज में व्याप्त धार्मिक-सामाजिक विसंगतियों, छुआछूत और भेदभाव पर अपनी वाणी से तीखे प्रहार किए। लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनकी वाणी में सबको भावनात्मक रूप से बांध लेने की ताकत थी।
संत-समागम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दामाखेड़ा संत कबीर की वाणी का प्रमुख केन्द्र बिन्दु है। उनके विचारों को आगे बढ़ाने और जन-जन तक पहुंचाने का काम यहां प्रकाशमुनि नाम साहेब के नेतृत्व में हो रहा है। डॉ. सिंह ने संत-समागम में छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश से हजारों की संख्या में आए कबीरपंथ के अनुयायियों और संत-महात्माओं का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजीवन में संत कबीर के विचारों को गहरा प्रभाव आज भी देखा जा सकता है।