रेड- ग्रीन सिग्नल एक साथ- चलें या रुकें..?

Chief Editor
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 बिलासपुर । शहर की ट्रेफिक व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। सड़कों पर निकलने वाले लोग रोजाना ही इससे दो- चार होते हैं। बात शुरू होती है सिविक सेंस से और चौक -तौराहों , सड़कों पर ट्रेफिक कन्ट्रोल के लिए की गई प्रशासनिक व्यवस्था तक जाती है। शहर को लोग रोजाना ही देखते हैं कि हर किसी चौक – चौराहे पर कभी – भी जाम लग जाता है। कहीं पर ट्रेफिक सिग्नल नहीं हैं, कही पर हैं भी तो लोग उसकी परवाह नहीं करते ….। लेकिन इस बदहाली पर क्या कहा जा सकता है कि शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक अग्रसेन चौक पर लगे ट्रेफिक सिग्नल में हरी और लाल बत्ती एक साथ ही जलती है। अब भला कोई राहगीर उसे देखकर आगे बढ़े या अपनी जगह पर रुके रहे….? अग्रसेन चौक की यह तस्वीर पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।  वरिष्ठ पत्रकार और संपादक प्राण चड्डा जी ने अपनी टिप्पणी के साथ यह तस्वीर सीजीवाल को भेजी है। जिसे हम जैसा – का – तैसा  प्रस्तुत कर रहे हैं।
    .…. पर उनका बाल बांका नहीं होता..
यदि आप छतीसगढ़ के बिलासपुर में सफलता से बाईक या कार ड्राइव कर सकते हैं तो दुनिया में कहीं भी वाहन चला सकते हैं ।इस फोटो में सिगनल में रेड और ग्रीन लाइट दोनों चौराहे पर जल रही हैं । फोटो शुक्रवार  शाम की है। जिसे मेरे मित्र बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष शशि कोन्हेर जी ने मुझे वाट्सएप पर भेजा है ।
शहर में पार्किग की समस्या का निदान नहीं हो सका । बड़े भवन बिना पार्किग के चिन्हित हैं ।पर उनका बाल बांका नहीं होता । फुटपाथ नहीं।सीवरेज परियोजना का काम सड़क के साथ कुछ सालों से बेहद खतरनाक तरीके से संचलित है।
दोस्तों क्या आपके शहर में भी यातायात ऐसा ही है ?
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