नईदिल्ली।राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बुधवार को राजधानी में आयोजित एक विशेष समारोह में नारी शक्ति पुरस्कार 2016 प्रदान किए।जिसमें छत्तीसगढ़ की स्मिता टांडी को भी पुरस्कार प्रदान किया गया है।स्मिता तांडी छत्तीसगढ़ पुलिस में कार्यरत हैं।पुरस्कार समारोह में केन्द्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी भी उपस्थित थीं।इस मौके पर कई राज्यों की महिलाओं को पुरस्कार प्रदान किया गया।भारत सरकार महिलाओं की उपलब्धियों और योगदान के मद्देनजर प्रतिष्ठित महिलाओं और संस्थानों को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान करती है।इनकी घोषणा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेशों, संबंधित मंत्रालयों/विभागों, गैर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों/संस्थानों,निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा नामित लोगों को प्रदान किए जाते हैं, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया हो।
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राष्ट्रपति के हाथो सम्मान पाने वाली महिलाओ मे अनाता सोनी – इसरो की महिला वैज्ञानिक ,लीना नायर – महिला बाल विकास मंञालय की सचिव,बानो हरालू – पर्यावरण संरक्षण,दिव्या रावत – मशरूम की खेती,कांस्टेबल स्मिता तांडी – जीवनदीप समूह,जुबानी हमत्सोई – फैशन कम्पनी,मुमताज काजी – डीजल इंजन चलाने वाली पहली महिला,आइसे कोहलर रॉलफसन – आदिम जाति रायका के उत्थान और ऊंटों के संरक्षण के क्षेत्र में,दीपा माथुर – महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में, शामिल है।छत्तीसगढ़ पुलिस मे कांस्टेबल स्मिता तांडी ने 2015 मे जीवनदीप समूह बनाया था।जो गरीबों को स्वस्थ्य सेवाएँ मुहैया करने के लिए आर्थिक मदद करता है।
अंतिम निर्णय राष्ट्रीय चयन समिति करती है। यह समिति राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा नामित व्यक्तियों के अलावा अन्य व्यक्तियों को भी पुरस्कार देने के लिए चुन सकती है। इस बार महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी की अध्यक्षता में चयन समिति ने विभिन्न श्रेणियों के लिए पुरस्कृत लोगों के नाम तय किए। नारी शक्ति पुरस्कार के तहत एक लाख रूपये नकद और प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय महिलाओं ने पीढियों से देश के विकास और प्रगति में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने महिला सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण में समानतापूर्ण भागीदारी के लिए ऐतिहासिक कानून बनाये हैं और दूरदर्शी कार्यक्रम लागू किये हैं। उन्होंने कहा कि ‘बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम कन्या भ्रुण हत्या रोकने की महत्वपूर्ण पहल है और इससे देश में बालिकाओं को शिक्षा के अवसर मिलते हैं। रक्षा मंत्रालय इस मौके पर खून की कमी की समस्या पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा। खेल और युवा मामलों से जुड़ा मंत्रालय भी देश में महिलाओं और खेलों पर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।