बिलासपुर । भारत की संस्कृति, परंपराएँ और यहां की व्यवस्था में पूरी दुनिया की समस्याओँ का समाधान समाहित है।इसीलिए अमरीका सहित पूरी दुनिया के लोग भारतीय संस्कृति के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। एक दिन आएगा जब देश भर के लोगों के सामूहिक प्रयास से भारत पूरी दुनिया का मार्गदशन करेगा।
ये बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ छत्तीसगढ प्रांत प्रचारक दीपक बिस्पुते ने एक व्याख्यान में कहीं। यह व्याख्यान बिलासपुर युनिवर्सिटी के ऑडिरोरियम हॉल में श्री सुदर्शन प्रेरणा मंच की ोर से कराया गया था।संघ के सरसंघ चालक रहे स्व. के.सी. सुदर्शन के जन्मदिवस पर आयजित यह व्याख्यान नवैश्विक समस्या में भारत की भूमिका विषय पर आयोजित किया गया था।दीपक बिस्पुते ने दुनिया भर में सभ्यता के बाद बनी व्यवस्था और तरह-तरह के दर्शन की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि ये सभी दुनिया केो दो भागों में बांटकर देखना चाहते हैं। जबकि भारतीय संस्कृति सर्वे भवन्तु सुखिन- पर विश्वास करती है।जिसमें माना गया है कि जड़- चेतन, स्त्री-पुरुष सभी में परमात्मा का तत्व है। हम मानते हैं कि हर व्यक्ति अपना एक धर्म है। हर संस्था का एक धर्म है। उन्हे जो कर्तव्य करना चाहिए ,वह करते रहें यही उनका धर्म है।पुत्र धर्म , पिता धर्म, राज धर्म सभी इसके अंतर्गत हैं।इसमें अधिकारों का संर्घर्ष नहीं है। कर्तव्य के साथ अधिकार स्वाभाविक रूप से छिपे हुए हैं।हम अपने इस धर्म के अनुसार चलेंगे तभी दर्म की रक्षा कर सकेंगे। इसके लिए धर्म का विस्तार जरूरी है।
उन्होने कहा कि आज भागम-भाग के युग में अमरीका जैसे देश के लोग भारतीय संस्कृति की ओर आ रहे हैं। योग पर अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाए जाने को इसका उदाहरण बताया। साथ ही भरोसा जताया कि सभी के सहयोग से एक दिन भारत विश्व का मार्गदर्शन करेगा।
समोरोङ के मुख्यअतिथि प्रदेश के नगरीय प्रशासन और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने के.सी सुदर्शन की स्मृति में आयोजित व्याख्यान को उपयोगी बताते हुए कहा कि किसी महापुरुष के बताए रास्तों का अनुशरण ही सच्ची श्रद्धांजलि होती है।शुरूआत में डा. राजेन्द्र दुबे ने कार्यक्रम के बारे में बताया। ्ध्यक्षता कर रहे बिलासपुर युनिवर्सिटी के कुलपति डा. गौरी दत्त शर्मा ने भी सम्बोधित किया। महापौर किशोर राय और चन्द्रशेकर भी मंच पर थे। संचालन डा. प्रफुल्ल शर्मा कर रहे थे।