नाग नागिन तालाबः ग्रामीणों ने किया श्रमदान..स्वयं सेवी संस्थाओं ने बढ़ाया कदम

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170514-WA0002  बिलासपुर—बहतराई स्थित नाग नागिन तालाब में सैकड़़ों ग्रामीणों ने श्रमदान किया। सूख चुके तालाब को फिर से जीवित करने का संकल्प लिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि मानसून से पहले तालाब को दुरूस्त कर लिया जाएगा। ऐतिहासिक नाग नागिन तालाब को किसी भी सूरत में मैदान नहीं बनने दिया जाएगा। तालाब किसी की जमीन पर हो सकती है। लेकिन जलस्रोत को पाटने का किसी को अधिकार नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि हम लोगों ने कलेक्टर और एसडीएम से तालाब बचाने की गुहार लगायी थी। लेकिन शासन ने ध्यान नहीं दिया। इसलिए हम लोगों ने ही तालाब को बचाने श्रमदान का संकल्प लिया है।

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                     रविवार को सुबह बहतराई के सैकड़ों ग्रामीणों ने गैती फावड़ा,तसला,कुदाल.तब्बल के साथ नाग नागिन तालाब में श्रम दान किया। साथी हाथ बढ़ाना की तर्ज पर तालाब की मिट्टी को हाथों हाथ बाहर निकाला। ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि तालाब को मानसून के पहले दुरूस्त कर लिया जाएगा। श्रमदान के पहले दिन ग्रामीणों मेंं जमकर उत्साह देखने को मिला। तालाब में बाहर से लाकर डाली गयी मिट्टी को बाहर निकाला गया। अभी बहुत कुछ निकाला जाना बाकी है।

                 बहतराई के एक बुजुर्ग ने बताया कि तालाब की उम्र मुझसे ज्यादा है..लेकिन अब मैं बूढ़ा हो चुका हूं। तालाब ने मुझे अपने गोद में खिलाया है। श्रमदान के बहाने मैं उसके ऋण को चुकाना चाहता हूं। मेरी इच्छा है कि मरने से पहले नाग नागिन तालाब को पहले की तरह हरा भरा सदानीरा हो बना दें। आज हम लोगों ने दो ट्रक से अधिक मिट्टी को बाहर निकाला है। श्रमदान में बच्चे बूढ़े जवान सभी लोगों ने हिस्सा लिया है। IMG-20170514-WA0006महिलाओं ने भी गैती फावड़ा चलाकर तालाब के कर्ज को उतारा।

बहतराई की शान है नाग नागिन तालाब 

                 माधो सिंह ने बताया कि तालाब का निर्माण उनकी दादी मां करीब 90 साल पहले किया था। राज्य बनने के बाद तात्कालीन मुख्मंत्री अजीत जोगी ने इंदिरा गांव गंगा योजना के तहत तालाब के किनारे बोरिंग कराया था। लेकिन किसी ने उसे चुरा लिया। बोरिंग से तालाब में हमेशा पानी रहता था। एक जमाने में मुसाफिर लोग तालाब के किनारे रात गुजारते थे। पानी पीने से लेकर नहाने का काम तालाब से ही करते थे। प्रकाश सिंह ने बताया कि किसी जमीन माफिया या बिल्डर को तालाब के किनारे फटकने नहीं दिया जाएगा। राज्य बनने के पहले और बाद में नाग नागिन तालाब का बहतरहाई गांव में शान था। उस शान को श्रमदान से वापस लाया जाएगा।

स्वयंसेवी संगठनों ने बढ़ाया हाथ

                 माधो सिंह और प्रकाश सिंह ने बताया कि पहले दिन सैकड़ों लोगों ने तालाब में श्रमदान किया। तालाब की रौनक लौटाने का संकल्प लिया। श्रमदान के दौरान कई स्वयंसेवी संगठनों ने तालाब के जीर्णोद्बार के लिए हाथ बढ़ाया है। किसी ने तालाब की मिट्टी खोदने मुफ्त में जेसीबी देने को कहा है। किसी ने टैक्टर तो किसी ने हाइवा से मिट्टी हटाने को कहा है। कुछ लोगों ने नाम जाहिर नहीं करते हुए कहा कि यदि तालाब में मजदूर काम करते हैं उनका भुगतान मेरी तरफ से होगा। बहरहाल नाग नागिन तालाब के जीर्णाद्धार में सैकड़ों हाथ और हजारों पैर ने कदम बढ़ा दिया है।

तालाब का ऐतिहासिक मंदिर

                 माथो सिंह ने बताया कि तालाब यदि जीवित बच जाता है तो दादी को सच्ची श्रद्धांजली होगी। तालाब का एतिहासिक मंदिर की रौनक लौट आएगी। लोगों में एक बार फिर विश्वास जग जाएगा कि देर है लेकिन अंधेर नहीं है।

पुलिस से मिली धमकी

      IMG-20170514-WA0003              माधो सिंह ने बताया कि उन्हें थाने से फोन आया था कि तालाब में श्रमदान करने पर कार्रवाई की जाएगी। तालाब की जमीन नीजि है। किसी दूसरे की जमीन पर कब्जा करना अपराध है। यदि श्रमदान बंद नहीं किया गया तो पुलिस कार्रवाई की जाएगी। माधो सिंह ने बताया कि यह सच है कि तालाब में मेरी जमीन नहीं है। लेकिन जलस्रोत पर सबका अधिकार है। कोर्ट ने सरकार को जलस्रोत बचाने को कहा है। यदि शासन प्रशासन जलस्रोत को बचाने में नाकामयाब है तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि तालाब को बचाएं। हमने ग्रामीणों के साथ लिखित में कलेक्टर से नाग नागिन तालाब को बचाने की मांग की थी। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने कदम नहीं उठाया।

तालाब पर सबका हक

                 प्रकाश सिंह ने बताया कि तालाब पर सबका हक है। तालाब यदि निजी जमीन पर भी है तो वह ग्रामीणों का ही है। सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के अनुसार निजी या सरकारी जमीन पर यदि तालाब है तो उसका सरंरक्षण करना सरकार की जिम्मेदारी है। यदि तालाब नक्शे में नहीं है तो फिजीकल वेरीफिकेशन के बाद तालाब को बचाया जाए। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने ऐसा कुछ नहीं किया है। प्रकाश सिंह ने बताया कि श्रमदान की धारा को रुकने नहीं दिया जाएगा। प्रकाश ने बताया कि सोची समझी साजिश के तहत तालाब को पहले सुखाया गया। बोरिंग को चुराया गया। पानी को काटकर बाहर निकाला गया। अब मिट्टी डालकर पाटा जा रहा है। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

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