बिलासपुर।नाग नागिन तालाब की यादों को संजोये बहतराई के ग्रामीण तालाब के अस्तित्व को बचाने अथक श्रमदान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है।सौ साल पहले नाग नागिन तालाब की खोदाई बहतराई के मालगुजार ने कराई-ग्रामीणों के मुताबिक बिलासपुर पहुचने एक मात्र पगडण्डी नाग नागिन तालाब के पास से हो कर गुजरती थी। तब लोग बैलगाड़ी घोडा गाड़ी से आना जाना करते थे।राहगीरो के विश्राम और मवेशियों की प्यास बुझाने कोई व्यवस्था न होते देख बहतराई के मालगुजार जनक देवी सिंह ने धर्मार्थ और पूण्य के उद्देश्य से नाग नागिन तालाब की खोदाई करवाई।तब आसपास के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलने लगा।मालगुजार जनक देवी सिंह के इस योगदान को सराहना भी मिली।
नाग नागिन के प्रणय लीला से विख्यात हुआ तालाब
बहतराई के माधव सिंह बताते है कि तालाब में नाग निगिन के जोड़ो का बसेरा था उन्हें प्रणयलीला में लिपटे अक्सर देखा जा सकता था और आश्चर्य तो तब होता था।विषधर ने कभी किसी ग्रामीणों को नुकसान नही पहुचाया।यही वजह है की नाग नागिन तालाब लोगो के बीच आस्था और विश्वास का केंद्र है।तालाब के तट पर विभिन्न देवी देवताओ कीे मन्दिर देखे जा सकते है।तालाब की दुर्दशा और जमीन माफियाओं से बचाने अब ग्रामीण एक जुटता दिखा रहे है।पिछले कई दिनों से अल सुबह ग्रामीणों की भीड़ तालाब परिसर के आस पास श्रम दान के लिए जुटती है।ग्रामीणों की भावना को देखते हुए सामाजिक और राजनैतिक संस्था के लोग तालाब के अस्तित्व को बचाने पूरा सहयोग दे रहे है।