♦चौक में सिग्नल तोड़ने वाले लोगों पर होगी कार्यवाही
♦ऑटो-वेन की होगी चेकिंग,क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने वाले वाहनों पर कड़ाई के निर्देश
बिलासपुर।जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक मंगलवार को मंथन सभा कक्ष मे हुई।बैठक मे कलेक्टर पी. दयानंद ने कहा कि वाहनों में प्रदूषण जांच के लिए सघन अभियान चलाया जायेगा,साथ ही अभियान चलाकर क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने वाले स्कूली वाहनों की जांच की जायेगी और उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।मंथन मे हुई बैठक में कलेक्टर ने जिले में ज्यादा से ज्यादा वाहन प्रदूषण जांच केन्द्रों की स्थापना पर बल दिया।उन्होंने कहा कि बिलासपुर में लगभग 5 लाख वाहन है। इसके अनुसार प्रदूषण जांच की व्यवस्था बनें। वर्तमान में 17 केन्द्र प्रारंभ है और 23 केन्द्र खोलने के लिए स्वीकृति मिल गई है। इस तरह 40 प्रदूषण जांच केन्द्र खोले जायेंगे।कलेक्टर ने कहा कि वाहनों के प्रदूषण जांच के लिए वाहन मालिकों पर दबाव बनाएं। उन्होंने यातायात विभाग व आरटीओ को टीम बनाकर सघन जांच के निर्देश दिये।
♦ऑटो-वेन की होगी चेकिंग,क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने वाले वाहनों पर कड़ाई के निर्देश
बिलासपुर।जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक मंगलवार को मंथन सभा कक्ष मे हुई।बैठक मे कलेक्टर पी. दयानंद ने कहा कि वाहनों में प्रदूषण जांच के लिए सघन अभियान चलाया जायेगा,साथ ही अभियान चलाकर क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने वाले स्कूली वाहनों की जांच की जायेगी और उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।मंथन मे हुई बैठक में कलेक्टर ने जिले में ज्यादा से ज्यादा वाहन प्रदूषण जांच केन्द्रों की स्थापना पर बल दिया।उन्होंने कहा कि बिलासपुर में लगभग 5 लाख वाहन है। इसके अनुसार प्रदूषण जांच की व्यवस्था बनें। वर्तमान में 17 केन्द्र प्रारंभ है और 23 केन्द्र खोलने के लिए स्वीकृति मिल गई है। इस तरह 40 प्रदूषण जांच केन्द्र खोले जायेंगे।कलेक्टर ने कहा कि वाहनों के प्रदूषण जांच के लिए वाहन मालिकों पर दबाव बनाएं। उन्होंने यातायात विभाग व आरटीओ को टीम बनाकर सघन जांच के निर्देश दिये।
आरटीओ देवेन्द्र केशरवानी ने बताया कि एक वर्ष तक के वाहनों में प्रदूषण जांच की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बाद हर 6 माह में जांच होना चाहिए। बैठक में महापौर किशोर राय ने शासकीय वाहनों में प्रदूषण जांच अनिवार्य रूप से करने कहा, जिससे जनसाधारण को भी संदेश जायेगा।
कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया है।इसके साथ ही स्कूली वाहनों की जांच के लिए सघन अभियान चलायें। आरटीओ ने बताया कि जिले में 319 बसें संचालित हैं। 12 वर्ष से ज्यादा पुरानी बसों को चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी स्कूली बसों की जांच की जाये। आटो और वैन में भी स्कूली बच्चों का परिवहन होता है। इन वाहनों की जांच करें और क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने वाले वाहनों पर कड़ाई करें।
शिक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि स्कूलों के प्रबंधकों से चर्चा कर बच्चों के परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाएं। स्कूल टाईम में सड़कों में यातायात का दबाव रहता है, इसको देखते हुए अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग समय का निर्धारण करने, साथ ही पैरेन्ट्स, टीचर मीटिंग भी अलग-अलग समय में करने हेतु स्कूलों के मैनेजमेंट को निर्देश देेने कहा।
खतरनाक तरीके, शराब पीकर, मोबाईल पर बातचीत करते हुए वाहन चलाने वाले लोगों पर सख्त कार्यवाही करने और उनका ड्राईविंग लायसेंस निरस्त करने का निर्देश दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हर माह इस तरह कम से कम 20 प्रकरण बनाएं जाये और लोगों के ड्राईविंग लायसेंस निरस्त किये जायें, जिससे गलत तरीके से वाहन चलाने वालों पर रोक लगेगी। उन्होंने चौक में सिग्नल तोड़ने वाले लोगों पर भी कार्यवाही सुनिश्चित करने और इसकी शुरूआत महाराणा प्रताप चौक से करने कहा।