मध्यप्रदेश/भोपाल।आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल शिक्षा विभाग में इस समय चल रही युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को सही बताया है और उन्होंने इस संबंध में स्थिति भी स्पष्ट की है। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से करीब 20 हजार अतिशेष पदों की पूर्ति उन प्राथमिक शालाओं में हो सकेगी, जहाँ पर शिक्षक कम हैं अथवा पदस्थ नहीं है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने बताया कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य ऐसे विद्यालयों में जहाँ शिक्षकों की संख्या छात्र संख्या के अनुपात में अधिक है, वहाँ से छात्रों के अनुपात में कम शिक्षकों के विद्यालयों में भेजना है।
वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग की 4224 प्राथमिक शालाएँ ऐसी हैं जहाँ कोई भी शिक्षक पदस्थ नहीं है इन शालाओं में 9 हजार 500 से अधिक पद रिक्त हैं। इसके साथ ही 13 हजार 536 प्राथमिक शालाओं में 17 हजार से अधिक शिक्षकों की आवश्यकता है। प्रदेश में 17 हजार 273 प्राथमिक या माध्यमिक शालाएँ हैं, जहाँ छात्रों की निश्चित संख्या के मुकाबले अधिक शिक्षक पदस्थ हैं।
पूर्व में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण जिला स्तर पर होता रहा है लेकिन अधिकांश जिले ऐसे थे जहाँ युक्तियुक्तकरण का कार्य प्रभावी ढंग से नहीं हुआ। इसे देखते हुए विद्यालयों में इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया गया। ऑनलाइन प्रक्रिया से प्राप्त आँकड़ों से पता लगा कि प्रदेश में नामांकन के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में करीब 39 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं। ग्रामीण प्राथमिक शालाओं में 1860 प्रधानाध्यापक और 15 हजार 186 शिक्षक अतिशेष हैं। नगरीय प्राथमिक शालाओं में 330 और 3063 शिक्षक अतिशेष हैं। प्रदेश की 2491 माध्यमिक शालाओं में 4051 शिक्षक अतिशेष चिन्हित किये गये हैं। युक्तियुक्तकरण से प्राथमिक शालाओं में 20 हजार अतिशेष शिक्षकों की पूर्ति हो सकेगी।
आयुक्त लोक शिक्षण ने स्पष्ट किया है कि युक्तियुक्तकरण का यह उचित समय है। सरकारी स्कूल में प्रवेश संबंधी कार्यवाही 14 जून से प्रारंभ होकर 12 अगस्त तक चलती है। इस अवधि में शालाओं में प्रवेश के अलावा शैक्षणिक कैलेण्डर तैयार करने और वर्षभर की गतिविधियाँ प्रमुख रूप से निर्धारित की जाती हैं।
ऑनलाईन प्रक्रिया कार्यवाही के सभी चरण इस प्रकार निर्धारित किये गये जिससे पूरी पारदर्शिता हो। इस प्रक्रिया में ई-सेवा पुस्तिका को अद्यतन करने का विकल्प शिक्षकों को दिया गया। जिससे उन्होंने अपने से संबंधित जानकारी को अद्यतन किया। प्रोग्रामिंग द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में छात्र संख्या एवं विषय मान के अनुसार अतिशेष की अंतरिम सूची जारी की गई। इसके साथ ही अंतरिम अतिशेष सूची पर संबंधित द्वारा ऑनलाईन आपत्ति करने और कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा आपत्ति की सुनवाई कर उसका निराकरण कर उसे पीडीएफ फाईल में अपलोड किया गया।
इस प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची जारी करना एवं अतिशेष शिक्षकों की पद-स्थापना विकल्प के आधार पर शून्य शिक्षकीय अथवा एक शिक्षकीय पाठशाला में पद-स्थापना हेतु पोर्टल के माध्यम से आदेश जारी किया जाना है। इस सब प्रक्रिया में कहीं कोई त्रुटि होती है तो प्रभारी मंत्री के समक्ष अपील का प्रावधान भी है।