जोगी बोले….तो राजनीति से ले लूंंगा सन्यांस…

BHASKAR MISHRA
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jogi_uma_fileबिलासपुर—अमित जोगी ने दावा किया है कि यदि राहुल गांधी ने उनके एक भी सवाल का सही जवाब देते हैं तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा। जोगी ने कहा कि प्रधानमंत्री हो या राहुल गांधी कोई भी भाषण दे…मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता…लेकिन बस्तर के साथ अन्याय नहीं होने दूंंगा। जोगी ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि बस्तरवासियों की कब्र खोदने कांग्रेस ने कुदाली का इंतज़ाम किया।

                                         भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बस्तर दौरे पर मरवाही विधायक ने घोषणा की है कि यदि राहुल उनके पांच में से एक भी सवाल का सही जवाब देते हैं तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा। प्रेसवार्ता में जोगी ने बताया कि बस्तर वासियों के पांच सवालों का जवाब देने राहुल गाँधी का मंच बस्तर में बनाया जाएगा। इस दौरान मैं भी रहूंगा। राहुल गाँधी से पांच सवाल पूछूंगा। राहुल गांधी चार साल में एक बार बस्तरवासियों को दर्शन देते हैं। भाषण देकर बाइक में बैठकर फोटो खींचाएंगे। मोटरसायकल पर पोज देंगे। इसके बाद दिल्ली चले जाएंगे।

                                      अमित जोगी ने कहा कि राहुल गांधी शायद पोललावरम के डेथ वारंट साइन करके चार साल बाद आ रहे हैं। देखने आ रहे हैं कि क्या बस्तरवासी अभी जिंदा हैं। शायद 2013 में नगरनार बेचने का डेथ वारंट साइन कर देखने आ रहे हैं। जोगी ने कहा कि राहुल गाँधी भाषण पढ़ने के वजाया बस्तरवासियों को बताएं कि नगरनारए पोलावरम और इन्द्रावती के मुद्दे पर बस्तर का हित कैसे साधेंगे।

अमित जोगी ने कहा कि दिल्ली के नेताओं का चार चार साल वाला बस्तर टूरिज्म पैकेज नहीं चलेगा।  यहां राष्ट्रीय दलों की दाल अब नहीं गलने वाली है। क्षेत्रीय दल होने के नाते हमारा दायित्व है कि लोकतांत्रिक दायरे में दिल्ली के  दलों पर दबाव बनाएं। बस्तर के हितों की पूर्ति करें। राष्ट्रीय दलों को आड़े हाथ लेते हुए जोगी ने कहा कि भाजपा अहम की चादर ओढ़कर सो रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दस बारह लोगों के साथ नगरनार तक पदयात्रा की थी। पैर में इतना दर्द हुआ कि एक साल बाद भी नगरनार झाँकने तक नहीं गए।

जोगी ने कहा कि 2013 में ग्लोबल टेंडर के बाद यूपीए सरकार ने निजीकरण को स्वीकृति दी उस समय राहुल गांधी चुप क्यों थे। उन्होने विरोध क्यों नहीं किया। क्यों प्रधानमंत्री को पत्र नहीं लिखा। सदन में मुद्दे को क्यों नहीं उठाया।  लौह अयस्क बस्तर में निकाला जा रहा है लेकिन एनएमडीसी मुख्यालय हैदराबाद में है। उसे बस्तर लाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया।

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