बिल्डर की दबंगई…सवा करोड़ में किया अवैध पार्किंग का सौदा…निगम अन्जान

BHASKAR MISHRA
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IMG20170703142418  बिलासपुर— बिना अनुमति बेसमेन्ट पार्किंग बनाने वाले दबंग बिल्डर पर निगम नोटिस का कोई असर नहीं है। स्काई जिम के सामने बिल्डर ने बिना निगम अनुमति ग्राउंड पार्किंग की जगह बेसमेन्ट पार्किंग बना दिया। इसी तरह महाराणा प्रताप चौक से व्यापार विहार को जोड़ने वाली सड़क किनारे निर्माणाधीन काम्पलेक्स में भी वही गलती हुई….जो गलती स्काई जिम के सामने काम्पलेक्स में हुई है। चूंकि दोनों काम्पलेक्स का निर्माण एक ही बिल्डर ने किया है। जाहिर सी बात है कि दोनों काम्पलेक्स में निगम आदेश की धज्जियां एक ही तरह से उड़ाई गयी हैं। जानकारी के अनुसार लिंक रोड़ स्थित श्रीकांत वर्मा मार्ग रोड़ पर बनाए गए काम्पलेक्स में अवैध पार्किंग को एक करोड़ 25 लाख रूपए में एग्रीमेन्ट कर लिया है। बिल्डर ने ऐसा कर अपनी दबंगई के साथ निगम नोटिस का करारा जवाब दिया है।

             
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                                महाराणा प्रताप चौक से व्यापार विहार रोड में हॉटल गजीबों के सामने काम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है। यहां भी लिंक रोड की तरह बिल्डर ने गलतियां की है। बिल्डर ने बिना निगम अनुमति ग्राउंड पार्किंग को बेसमेन्ट पार्किंग में बदल दिया । इतना ही बिल्डर ने अवैध पार्किंग की बुकिंग कर ली है। महाराणा प्रताप व्यापार विहार रोड पर बनाए गए काम्पलेक्स का भी यही हाल है। यद्यपि नगग निगम का कहना है कि बिल्डर को नोटिस जारी कर दिया गया है। सच्चाई तो यह है कि निगम ने केवल लिंक रोड काम्पलेक्स के अवैध पार्किंग निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया है।

 चंद कदम पर निगम कालोनीIMG20170703142422

                      महाराणा प्रताप चौक से चंद कदम दूर व्यापार विहार रोड पर देना बैंक है। देना बैंक के ठीक बगल में रसूखदार बिल्डर अवैध निर्माण कर रहा है। निर्माण स्थल से कुछ दूरी पर निगम कालोनी है। कालोनी में निगम के बड़े अधिकारियों का निवास है। आते जाते अधिकारियों की नजर निर्माणाधीन काम्पलेक्स पर होती है। बावजूद इसके अवैध पार्किंग निर्माण की जानकारी उन्हें नहीं मिली। जबकि शहर के एक एक बिल्डर और निगम कर्मचारियों को अच्ची तरह से मालूम है कि रसूखदार बिल्डर ने ग्राउंड पार्किंग की अनुमति लेकर बेसमेन्ट पार्किंग बना दिया है।

                                  एक अधिकारी ने बताया कि भवन शाखा के अधिकारी झूठ बोल रहे हैं कि दोनों जगह बनाए गए बेसमेन्ट पार्किंग की जानकारी नहीं है। दरअसल ऐसा कहने के पीछे उनका स्वार्थ है। जबकि इंजीनियरों का काम है कि निर्माण कार्य की पल-पल की जानकारी रखें। सच्चाई तो यह है कि सभी अधिकारियों को बेसमेन्ट पार्किंग बनाए जाने की जानकारी है। शिकायत नहीं होती तो बिल्डर को फायदा। हो गयी तो नोटिस के बाद कुछ रूपये पेनाल्टी के  बाद काम्पलेक्स की अवैध पार्किंग को नियमित कर दिया जाएगा। जबकि यह संभव नहीं है।

नियम विरूद्ध कठोर कार्रवाई का प्रावधान

                               अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में यदि व्यावसायिक भवन निर्माण निगम क्षेत्र में होता है तो बिल़्डर को शर्त मानना होगा। बावजूद इसके दोनों जगह शर्तों का उल्लंघन किया गया है। इसलिए निर्माण कार्य को जमीदोज करने का भी प्रावधान है। लेकिन बिलासपुर निगम में साहस नहीं है कि भवन को जमीदोज कर सके। परम्परानुसार रूपए लेकर अवैध निर्माण को नियमित कर दिया जाता है। यही कारण है कि बिल्डर अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। यदि किसी रसूखदार के खिलाफ नियम विरूद्ध निर्माण पर बुलडोडर की कार्रवाई हो जाए तो दूसरे बिल्डरों में हिम्मत नहीं होगी कि अवैध निर्माण कर सकें।

पार्किंग का सवा करोड़ में एग्रीमेन्ट

  IMG20170703142430            लिंक रोड़ स्काई जिम के सामने  अवैध पार्किंग का बिल्डर ने सवा करोड़ में एग्रीमेन्ट किया है। बताया जा रहा है कि महाराणा प्रताप चौक के पास नव निर्माणाधीन काम्पलेक्स के बेसमेन्ट पार्किंग का भी एग्रीमेन्ट हो गया है।

ग्राउन्ड पार्किंग की जगह बेसमेन्ट पार्किंग क्यों

                               निगम सोच समझकर शासन के दिशा निर्देश में पार्किंग की अनुमति देता है। लिंक रोड और महाराणा प्रताप चौक के पास भी ऐसा ही कुछ किया गया। लेकिन निगम के नाक के नीचे काम्पलेक्स में ग्राउंड की जगह बेसमेन्ट पार्किंग का निर्माण किया गया । यह जानते हुए भी बेसमेन्ट पार्किंग का नियमितिकरण संभव नहीं है। बावजूद इसके बेसमेन्ट पार्किंग बनाया गया।

                                                             बेसमेन्ट पार्किंग बनाने की मुख्य वजह…भविष्य में बिल्डर या काम्पलेक्स मालिक पार्किंग का सौदा दुकान के रूप में करेगा। जाहिर सी बात है कि दुकानदार को करोड़ों का फायदा होगा।

                      बहरहाल शिकायत के बाद भी निगम मौन है। आयुक्त कार्यालय में बैठते ही कम हैं। जिसके कारण बिल्डरों की मनमानी रूक नहीं रही है। दोनों काम्पलेक्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो आश्चर्य की बात नहीं होगी। मुख्य वजह दोनों काम्पलेक्स का निर्माण शहर का नामचीन बिल्डर जो कर रहा है।

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