रायपुर । छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अनुसार शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों के वेतन नियतन पत्रक को वेतन आहरण के पूर्व संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन से सत्यापन कराना आवश्यक नहीं है। सभी विभाग के कार्यालयों के आहरण संवितरण अधिकारी अपने विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के वेतन देयक नए पुनरीक्षित वेतन में गणना कर आहरण के लिए कोषालय में प्रस्तुत कर सकते हैं।
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संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन ने बताया कि छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के लागू होने पर पुनरीक्षित वेतन संरचना के आधार पर ही वेतन निर्धारण कर वेतन देयक कोषालय में आहरण के लिए प्रस्तुत करें। पुनरीक्षित वेतन संरचना के आधार पर वेतन आहरित करते समय संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन के सत्यापन प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक शासकीय सेवक का वेतन नियतन पत्रक चार प्रतियों में तैयार किया जाए, दो प्रति संभागीय संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन के नियतन दल को सेवा पुस्तिका के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। वेतन नियतन दल द्वारा संबंधित शासकीय सेवक की सेवा पुस्तिका में भी वेतन नियतन की मुद्रा अंकित की जाएगी, जिसमें किए गए वेतन नियतन,आगामी वेतनवृद्धि की तिथि अंकित होगी।
वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के लागू होने पर पुनरीक्षित वेतन संरचना के आधार पर आहरित वेतन से सामान्य भविष्य निधि नियम के प्रावधानों के अनुसार परिलब्धियों के 12 प्रतिशत की दर से सामान्य भविष्य निधि अंशदान की कटौती की जाएगी। इसके अलावा वेतन देयक से आयकर की कटौती भी अनिवार्यतः की जाए। एक नवंबर 2004 के प्श्चात नियुक्त शासकीय सेवक जो नवीन अंशदायी पेंशन योजना के सदस्य हैं, के लिए 10 प्रतिशत की कटौती पुनरीक्षित वेतन संरचना में मूल वेतन और उस पर महंगाई भता पर की जाएगी। संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन ने बताया कि प्रत्येक कार्यालय प्रमुख संभागीय संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन को प्रमाण पत्र भेंजे कि उनके कार्यालय में कार्यरत शासकीय सेवकोें का पुनरीक्षित वेतन मान में वेतन नियतन किया जा चुका है और प्रकरण जांच के लिए तैयार है।