बिलासपुर-कांग्रेस से अपने निलंबन नोटिस पर अधिकृत बयान जारी करते हुए बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक ने कहा है कि विधानसभा में अगर प्रश्नकाल में सवाल करना गलत है,अगर पनामा मामले में मुख्यमंत्री के विरुद्ध स्थगन प्रस्ताव लाना गलत है, अगर भ्रष्ट मंत्रियों की जांच की मांग करना गलत है, अगर किसानों को समर्थन मूल्य देने की मांग करना गलता है, तो मैं यह गलती बार बार करूंगा। पार्टी का व्हिप विधानसभा में उपस्थिति और मतदान पर लागू होता है, जिसका मैंने कभी भी उल्लंघन नहीं किया है ।मैंने आज तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध कुछ नहीं कहा । मैं तो केवल जनहित के लिए लड़ रहा हूँ।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पास मुझे निलंबित करने का कोई ठोस कारण नहीं है, वो हिन भावना से ग्रसित हैं और स्वहित की राजनीति करते हैं, जनहित की नहीं।
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कौशिक ने कहा कि मैंने मेरे क्षेत्र के कांग्रेस के एक युवा कार्यकर्ता राजेंद्र तिवारी की प्रशासनिक हत्या के विरोध में चक्का जाम किया, आंदोलन किये, शराब माफिया के आतंक से त्रस्त होकर आत्महत्या करने वाले दिलीप साहू को न्याय दिलाने आंदोलन किये, पुलिस लॉक उप में आत्मदाह करने वाले जीवन लाल मनहर के लिए न्याय मांगने विरोध प्रदर्शन किये,आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए थाना घेरा और जेल भी गया।मेरे क्षेत्र के इन सभी जनहित के आंदोलन में कभी भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मेरा साथ नहीं दिया और न ही कभी पड़ोसी क्षेत्र के विधायकों को सहयोग करने को कहा।
विधानसभा सत्र के दौरान उनके द्वारा विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष से सांठ गांठ करने का मैंने हमेशा से विरोध किया है, इस सत्र में भी यही हुआ, भ्रष्टाचार के मुद्दे से ध्यान हटाने सुनियोजित विरोध किया गया और सत्रावासन करा दिया गया।मैं एक जनसेवक था, हूँ और रहूँगा, किसी के निलंबित करने से कोई फर्क नहीं पड़ता।