बिलासपुर।मरवाही विधायक अमित जोगी और बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक ने छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिलकर बिलासपुर जिले के अब तक के सबसे बड़े घोटाले के ख़ुलासे का दावा किया है। विधायकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि निजी बीमा कम्पनी बजाज अलाइयन्स द्वारा बिलासपुर जिले में पिछले तीन सालों में एक भी “स्वचालित मौसम मापक केंद्र” नहीं खोला गया ।जबकि मौसम आधारित बीमा योजना (WBCIS) की कंडिका 9 के अनुसार उसे हर 10 किलोमीटर की परिधि में एक केंद्र खोलना चाहिए था। साथ ही कंडिका 10 के अनुसार उसे इन केंद्रों से एकत्रित की गई मौसम रिपोर्ट को कृषि संचनालय के संयुक्त निदेशक को प्रतिदिन सौपनी थी। इसी के आधार पर फ़सल नुक़सानी का मुल्यांकन करके हितग्राहियों को मुआवज़ा राशि जारी करनी थी।
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विधायकों ने सवाल किया कि जब बीमा कम्पनी ने पिछले तीन सालों में जिले में एक भी मौसम मापक केंद्र नहीं खोला और न ही एक दिन की मौसम रिपोर्ट सरकार को सौंपी,।तो आख़रि किस आधार पर जिले के किसानों को मुआवज़ा राशि दी गयी? ज्ञात हो कि इस सम्बंध में दोनों विधायकों ने शासन के उच्च अधिकारियों से मिलकर लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी तथा किसानों को अधिकतम दर से मुआवज़ा देने और दोषियों के ख़लिफ़ सख़्त क़ानूनी कार्यवाही की माँग की थी। (पुलिस महानिदेशक, महालेखाकार, महालेखा-परीक्षक और राज्य आर्थिक आपराध विंग के निदेशक को पत्र क्रमांक 579 तारीख़ 20-9-2015, राज्य के लोकायुक्त, राज्य और राष्ट्र के महालेखाकार को पत्र क्रमांक 1044, 1045 और 1046 तारीख़ 18-7-2016, राज्यपाल को तारीख़ 24-4-2017, मुख्य सचिव को 17 अगस्त को विधायक अमित जोगी द्वारा लगातार इस सम्बंध में पत्राचार किया गया था।)
इसके बावजूद सरकार के कानों में जू नहीं रेंगी। एक तरफ़ सरकार सोती रही और दूसरी तरफ़ बजाज अलाइयन्स बिलासपुर के किसानों के साथ दिन-दहाड़े डकैती डालती रही। कृषि विभाग और बजाज अलाइयन्स बीमा कम्पनी के इस आपराधिक षड्यंत्र के कारण ही 2015-16 और 2016-17 में लगातार जिले में सूखा पड़ने के बावजूद 71145 बीमा करवाने वाले किसानों में से मात्र 6623 (9%) को न्यूनतम दरों में मुआवज़ा राशि दी गयी।
विधायकों ने आरोप लगाया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि विभाग और बजाज अलाइयन्स द्वारा बीमा प्रीमीयम राशि के नाम पर जिले के किसानों से पिछले तीन वर्षों में 242 करोड़ रूपए उनकी बिना सहमति से उनके खातों से काट लिया गया जबकि भीषण सूखा पड़ने के कारण फ़सल बरबाद हो जाने के बावजूद उन्हें मुआवज़ा मात्र 21 करोड़ रूपए ही दिया गया है। इस प्रकार सुनियोजित तरीक़े से कृषि विभाग और बीमा कम्पनी ने मिलकर जिले के किसानों के ख़ून-पसीने के 221 करोड़ रूपए की कमाई को लूटा है। संभवतः ये बिलासपुर जिले के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है।
विधायकों ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर सरकार ठोस कार्यवाही नहीं करती तो आगे की लड़ाई अजीत जोगी के मार्ग-दर्शन में सड़कों पर उतरकर लड़ी जाएगी जब तक कि सरकार बीमा कम्पनी के द्वारा बिलासपुर के किसानों से लूटी 221 करोड़ रूपए की एक-एक पाई ब्याज समेत नहीं लौटा देती।