नईदिल्ली।रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जून में 12 कंपनियों की टॉप डिफॉल्टर की लिस्ट में शामिल करने के बाद एक और लिस्ट को जारी किया है। इस लिस्ट में सेंट्रल बैंक ने 40 कंपनियों को शामिल किया है, जिन पर बैंकों का बहुत सारा पैसा बकाया है और इसके चलते बैंक काफी हद तक डूब गए हैं। जिन प्रमुख कंपनियों को आरबीआई ने इस लिस्ट में शामिल किया है, उनमें विडियोकॉन से लेकर के जयप्रकाश एसोसिएट तक को शामिल किया गया है। विडियोकॉन की दो कंपनियां को इसमें शामिल किया गया हैं, जिनमें वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज और टेलिकॉम हैं। इसके अलावा रूचि सोया, शक्ति भोग, वीजा स्टील, नागार्जुन ऑयल रिफाइनरी, मॉनेट पॉवर, एस्सार प्रोजेक्ट, जय बालाजी इंडस्ट्रीज शामिल हैं। वित्तमंत्री ने आगे कहा कि बड़े-बड़े बिल्डर अपना लोन लिया हुआ पैसा बैंकों को जमा करें, अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार उनकी कोई मदद नहीं करेगी। दिवालिया होने की सूरत में बैंकों को कर्ज लिया हुआ पैसा हर हाल में लौटाना होगा।
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रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकारी बैंकों को एनपीए की समस्या से निपटने में मदद के लिए उनके री-कैपिटलाइजेशन की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार समयबद्ध तरीके से इन बैंकों को पैसा दे ताकि ये इस समस्या से निकल से निकल सकें। पटेल ने कहा कि सरकारी बैंकों का एनपीए बढ़ कर बैंकिंग सिस्टम का 9.6 फीसदी हो गया है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। बैंकरों औैर उद्योगपतियों की बैठक में उर्जित पटेल ने कहा कि सकल एनपीए बैंकिंग सिस्टम के 9.6 फीसदी पर पहुंच गया है, जबकि स्ट्रेस्ड एसेट रेश्यो मार्च 2017 में 12 फीसदी पर पहुंच चुका है। यह बेहद चिंता का विषय है। पटेल जिस बैठक में यह चिंता जता रहे थे उसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे।