जबरिया रिटायरमेंट के खिलाफ सर्व छत्तीसगढ़िया समाज ने खोला मोर्चा,मौन विरोध कर दिखाई ताकत

Shri Mi
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IMG-20170912-WA0022रायपुर(आकाशदत्त मिश्रा)।छत्तीसगढियो के सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक शोषण के विरोध सर्व छत्तीसगढिया समाज और St, sc, obc ty संगठन के संयुक्त तत्वावधान मे मौन धरना-प्रदर्शन किया गया साथ ही राज्यपाल के नाम SDM को ज्ञापन सौंपा गया।बता दे कि बीते दिनों 47 पुलिस कर्मियों को उनके सर्विस रिकार्ड के आधार पर बर्खास्त किया गया जिनमे से 44 पुलिस कर्मी अनुसूचित जाति जनजाति और ओबीसी वर्ग से है।ज्यादातर पुलिसकर्मियों के अनुसार उनका सर्विस रिकार्ड अच्छा होने बावजूद उच्चाधिकारियों मनमानी के चलते तानाशाही रवैया अपनाकर उन्हें बर्खास्त करने की द्वेषपूर्ण कार्यवाही की गई है। मुंगेली सिटी कोतवाली में ASI के पद पर पदस्थ सुशील बंछोर के अनुसार उन्हें अब तक उनके अच्छे कार्यो के लिए 146 मर्तबे इनाम दिए जाने की घोषणा की जा चुकी है उन पर लगे आरोपो पर बिलासपुर IG के द्वारा पूर्व में ही उचित दंड दिया जा चुका है। जिसके तहत उनके वेतन और पड़ वृद्धि में 2 वर्ष तक कि रोक लगा दी गयी थी,लेकिन अच्छे कार्य और बेहतर सर्विस रिकार्ड को देखते हुए उन्हें एक मौका दिया जा चुका है।इन सब के बावजूद बर्खास्त पुलिसकर्मियों की सूची में कूटरचना कर सुशील बंछोर के नाम को शामिल किये जाने की बात सुशील ने कही।

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                              मामले पर सुशील बंछोर न्यायिक जांच के लिए खुद को तैयार बता रहे है।वही जरहगांव थाने में पदस्थ थाना प्रभारी फिलिमन टोप्पो ने मुंगेली पुलिस अधीक्षक निथु कमल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके द्वारा हमेशा मीटिंग में DSP नही बनने देने और कार्यवाही कर बर्खास्त कराने की धमकी दी जाती रही है जिसकी वजह उनके मनमुताबिक कार्य नही करना है।पुलिस विभाग में बड़े अधिकारियों की प्रताड़ना के बहुत से मामले एक एक कर कार्यवाही के शिकार हुए कर्मचारियों की जुबान से निकलती रही।

                             बड़े स्तर पर st sc और OBC वर्ग से जुड़े कर्मचारियों को बगैर वार्निंग नोटिस और बहुत से नियमो को दरकिनार करते हुए बर्खास्त कार्यवाही को तुगलकी कार्यवाही करने वाले सिस्टम के खिलाफ प्रदेश भर से समाज के प्रमुखों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर प्रदर्शन करके प्रदेश सरकार और प्रबंधन को चिंता में डाल दिया है । इसका नतीजा क्या होगा ये आने वाले समय मे ही पता चल सकेगा लेकिन प्रदेश स्तर पर एक बैनर के नीचे इकट्ठे हुए अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग की भीड़ ने आज मौन प्रदर्शन कर रुकने की बात नही कही है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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