मुंगेली(आकाशदत्त मिश्रा)।बोनस तिहार मनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री का कारवां गुरुवार को मुंगेली आएगा,ये जैसे ही तय हुआ मानो मुंगेली नगर के दिन बदल गए।हर तरफ रंग रोगन के साथ साथ रुके हुए निर्माण कार्य पूरे किए जाने लगे, धड़ा धड़ सड़के बनने लगी और महीनों से बन्द पड़े ट्रैफिक सिग्नल और स्पीकर्स भी चालू हो गए।शहर में अब तक नगर पालिका के द्वारा एक उद्यान तो नही बनाया जा सका लेकिन एक रात के भीतर एक छोटा उद्यान जिसे निरंजन प्रसाद केशरवानी की प्रतिमा के प्रांगड़ साथ जोड़कर तैयार कर लिया गया।सड़के चकाचक साफ दिखने लगी, जिन मवेशियों को सड़को से हटा पाने में जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन के हाथ पांव फूलते थे वे सभी मवेशी स्वतः ही अचानक सड़को से गायब हो गए और यातायात व्यवस्थित दिखाई देने लगा।मुंगेली की जनता ये सब देखकर हैरान थी सभी की जुबान में यही सवाल था कि बीरबल की खिचड़ी इतनी जल्दी कैसे बनती नज़र आ रही है।
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इस सवाल का जवाब हर कोई जानता था लेकिन जिला प्रशासन और नगर पालिका की अपने कार्य के प्रति की गई लापरवाही और अलाली कि असल पोल खुलता देख मुंगेली की आम जनता ने इस प्रयास को सराहा नही बल्कि स्वयं के साथ किये गए मज़ाक के तौर पर ले रही है।
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आपाधापी में किये गए निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचना और अच्छे नतीजे की उम्मीद करना रेगिस्तान में पानी तलाश करने जैसा ही है बहरहाल मुंगेली वासी सोशल मीडिया पर इस बात से खुद को तसल्ली देते हुए दिखाई दे रहे कि चलो कुछ तो निर्माण हुआ लेकिन इसी के साथ व्यंग्य के तौर पर सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को हर महीने मुंगेली दौरा करने की नसीहत भी दी जारही है।
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