बिलासपुर—मरवाही विधायक अमित जोगी की अगुवाई में आज जोगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भूविस्थापितों के साथ एनटीपीसी का घेराव किया। इस दौरान सीपत में स्वस्फूर्त कर्फ्यू का माहौल देखने को मिला। इस दौरान भूविस्थापित होने के बाद नौकरी से वंचित लोग सुबह से ही धरना स्थल पर बैठे रहे। अमित जोगी ने सीपत पहुंचकर भू विस्थापितों का समर्थन किया। इस दौरान जोगी ने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों ने जनता को ठगा है। यही कारण है कि आज किसानों और बेरोजगारों को एनटीपीसी के खिलाफ सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होना पडा है।
मरवाही विधायक अमित जोगी अपने समर्थकों के साथ भूविस्थापितों के धरना प्रदर्शन को समर्थन देने सीपत पहुंचे।जोगी ने धरना स्थल पहुंचकर भूविस्थापित किसानों को मनोबल बढ़ाया। उन्होने कहा कि कलेक्टर के सामने त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान सभी जनप्रतिनिधियों ने भूविस्थापितों के लिए नौकरी की मांग की थी। प्रशासन से उचित जवाब नहीं मिलने पर एक नवम्बर को सर्वसम्मति से एनटीपीसी घेराव का फैसला हुआ था। लेकिन दोनो राष्ट्रीय दलों ने भूविस्थापितों के घेराव से दूरी बनाकर रखा है। इससे जाहिर होता है कि दोनो दलों का एनटीपीसी प्रबंधन से सांठगांठ है।
मरवाही विधायक ने सख्त लहजे में एनटीपीसी प्रबंधन से कहा कि प्रबंधन तत्काल नौकरी दे या ग्रामीणों की जमीन वापस करे। अन्यथा एनटीपीसी प्रबंधन गंभीर भुगतान के लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाए। क्योंकि भूविस्थापितों को बिना न्याय दिलाए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ हटने वाली नहीं है।
जोगी ने कहा दोनो राष्ट्रीय पार्टियों ने भू.विस्थापितों को धोखा दिया है। घेराव से दूरी बनाना इस बात का उदाहरण है।
वाटरकेन के साथ हुआ बल प्रयोग
धरना घेराव के दौरान सीपत और जिला प्रशासन ने जोगी और भूविस्थापितों से कई बार बातचीक का प्रयास किया। बावजूद इसके मरवाही विधायक की अगुवाई में भूविस्थापितों ने नौकरी के अलावा किसी भी शर्त को मानने से इंकार कर दिया। प्रभावितों ने कहा कि कई दौर की बातचीत हो चुकी है। परिणाम शू्न्य आया। दरअसल प्रशासन ने बैठक के बहाने केवल समय टालने का काम किया है। अब ऐसा नहीं होगा। इस बीच एसडीएम आलोक और तहसीलदार ने प्रदर्शनकारियों और अमित जोगी से बातचीत कर धरना प्रदर्शन खत्म करने के लिए कई बार कहा। लेकिन अपने समर्थकों के साथ जोगी टस से मस नहीं हुए।
इस बीच जब भीड़ उग्र होने लगी तो नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लोगों वाटरकेन के अलावा हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। बल प्रयोग के दौरान ग्रामीणों और पुलिस में जमकर झूमाझटकी भी हुई। पुलिस ने सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर अस्थायी जेल भेजा बाद में सभी को निशर्त रिहा भी कर दिया गया।