रायपुर–रायपुर क्राइम ब्रांच पुलिस ने महागठबंधन मोर्चा संचालक विरेन्द्र दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। दुबे को किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है। दुबे ने शासन की दमनकारी नीति को लोकतंत्र के लिए घातक बताया है। सरकार भयभीत है…दमनकारी नीति पर उतर आयी है। लेकिन आंदोलन रूकेगा नहीं। प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को जगह जगह पकड़कर थाने में बैठाया गया है। इसका खामियाजा सरकार को भुगतना ही होगा।
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शिक्षाकर्मी मोर्चा संघ के संचालकों में एक विरेन्द्र दुबे को रायपुर में क्राइम ब्रांच पुलिस गिरफ्तार कर लिया है। अपनी गिऱफ्तारी को विरेन्द्र दुबे ने सरकार की तानाशाही बताया है। विरेन्द्र दुबे ने कहा कि 12 लोगों की क्राइम ब्रांच टीम ने जबरदस्ती थाने में बैठाकर रखा है। मैं आजाद देश का आजाद नागरिक हूं। शासन की दमनकारी और तानाशाही नीतियों की आलोचना करता हूं। ऐसा करने से सरकार से हमारी आवाज को दबा नहीं सकती है।दुबे ने सीजी वाल को बताया कि हमारा आंदोलन इन दमनकारी नीतियों के आग दम नहीं तोड़ने वाली है।
आम शिक्षाकर्मियों से अपीत करत हुए विरेन्द्र दुबे ने कहा कि साथियों हम झुकने वाले नहीं है। ना ही आन्दोलन आधे अधूरे में खत्म ही करना है। हम लोग लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज को बुलंद करते रहेंगे। हमारे कई नेताओं को थाने में बैठा दिया गया है। करीब 2 लाख की संख्या में शिक्षाकर्मी राजधानी की तरफ आ रहे थे। लेकिन सरकार ने पुलिस तंत्र का सहारा लेकर शिक्षाकर्मियों की मांग को दमन किया है।
विरेन्द्र दुबे ने बताया कि सरकार को बैठकर बातचीत करना चाहिए। लेकिन मतिभ्रम होने के कारण उन्हें कुछ नहीं सुझाई दे रहा है। जो कुछ सरकार कर रही है। प्रजातंत्र में इसकी मान्यता नहीं है। दुबे ने कहा कि रास्ता बैठकर बातचीत से ही निकलेगा। दमनकारी गतिविधियों से सरकार को केवल नुकसान होगा। हम वादा करते हैं कि आंदोलन मांग पूरी होने तक चलता रहेगा। भयभीत होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि सरकार हमारे आंदोलन से भयभीत है।