रायपुर । छत्तसीगढ़ के शिक्षा कर्मियों की हड़ताल को लेकर विधानसभा में सवाल पूछे गए। कांग्रेस विधायक और प्रदेश कांग्रेस के अधयक्ष भूपेश बघेल ने पूछा कि शिक्षा कर्मियों ने सरकार के सामने कौन-कौन सी मांगें रखीं और सरकार ने उन मांगों पर क्या निर्णय लिया है ? इस पर पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर की ओर से लिखित जवाब दिया गया कि शिक्षा कर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो 3 माह में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।विधानसभा में भूपेश बघेल ने पूछा कि क्या प्रदेश में सहायक शिक्षक पंचायत, शिक्षक पंचायत और व्याख्याता पंचायत अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं ? यदि हां तो कब से…? हड़ताल को समाप्त करने और स्कूलों की पढ़ाई व्यवस्था को बहाल रखने हेतु राज्य सरकार ने क्या-क्या उपाय किए हैं…..? शिक्षा कर्मियों द्वारा कौन-कौन सी मांगें शासन के समक्ष रखी गई हैं…? राज्य शासन द्वारा उनकी मांगों पर क्या निर्णय लिया गया है…?
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इस सवाल का लिखित जवाब देते हुए पंचायत मंत्री अजय चँद्राकर ने जानकारी दी कि प्रदेश के शिक्षक पंचायत संवर्ग के कर्मचारी 20 नवंबर से 4 दिसंबर तक हड़ताल पर थे। 5 दिसंबर को हड़ताल समाप्त कर अपने शालाओँ में कार्य पर उपस्थित हो गए । हड़ताल से वापस कार्य पर उपस्थित होने के फलस्वरूप शालाओँ में अध्यापन व्यवस्था प्रारंभ हो गई है।
शिक्षा कर्मोयों की मांगों के संबंध में उन्होने लिखित जानकारी दी है कि उनकी 9 सूत्रीय मांगें हैं। जिसमें समान कार्य-समान वेतन के आधार पर शिक्षक संवर्ग के मध्य व्याप्त 8 वर्ष के वर्गीकरण को समाप्त करते हुए उनका शिक्षा विभाग / आ.जा.क.वि. में संविलयन /शासकीयकरण कर क्रमोन्नत /समयमान वेतनमान के साथ सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जाय ।समस्त शिक्षक ( पंचायत/नगरीय निकाय ) संवर्ग को दो स्तरीय क्रमोन्नत /समयमान वेतनमान भूतलक्षी प्रभाव से जारी किया जाय तथा पूरे सेवाकाल में दो पदोन्नति को अनिवार्य किया जाय। व्य़ाख्याता ( पंचायत/नगरीय निकाय) एवं शिक्षक ( पंचायत/नगरीय निकाय) के वेतन में अँतर अनुपात के आधार पर सहायक शिक्षक ( पंचायत/नगरीय निकाय) के लिए समानुपातिक वेतनमान संरचना निर्मित कर उक्त वेतनमान का लाभ 1 मई 2013 से दिया जाय। अप्रशिक्षित शिक्षक ( पंचायत/नगरीय निकाय) का नियमितीकरण किया जाय तथा उन्हे समयमान/पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जाकर उनके लिए सवैतनिक विभागीय प्रशिक्षण की व्यवस्था किया जाए।
केबिनेट के निर्णय का पालन करते हुए शिक्षक( पंचायत/नगरीय निकाय ) संवर्ग को वरिष्ठता के आधार पर प्राचार्य एवं प्रधान पाठक ( प्रा. शाला/मा. शा.) पदों पर पदोन्नत किया जाय। व्याख्याता ( पंचायत/नगरीय निकाय) शिक्षक ( पंचायत/नगरीय निकाय ) पी.टी.आई. , शिक्षक ( पंचायत/नगरीय निकाय ) – उर्दू के पदोन्नति के लिए प्रावधान बनाकर पद स्वीकृत किया जाय। समग्र वेतनमान ( मूल वेतन + मंहगाई भत्ता) में NPS कटौती एवं 1-11-2004 से पूर्व नियुक्त शिक्षक ( पंचायत /नगरीय निकाय ) संवर्ग को पेंशन, ग्रेच्युटी एवं समूह बीमा का लाभ देते हुए जी.पी.एफ. कटौती किया जाय। प्रदेश के अन्य कर्मचारी एवं शासकीय संवर्ग के समान शिक्षक ( पंचायत/नगरीय निकाय ) संवर्ग के लिए खुली स्थानांतरण नीति बनाया जाय। टी.ई.टी. एवं डी.एड. के बिना अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान कर न्यूनतम योग्यता के अभाव में चतुर्थ वर्ग में अनुकम्पा नियुक्ति दी जाय।
शिक्षा कर्मियों की मांगों पर राज्य शासन की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर लिखित जानकारी दी गई है कि राज्य शासन द्वारा शिक्षक (पं.) संवर्ग की (1) वेतन भत्तों , (2) पदोन्नति एवं अनुकम्पा नियुक्ति तथा (3) स्थानातरण नीति संबंधी मांगों पर विचार करने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो 3 माह में अपनी रिपोर्ट शासन को पेश करेगी।