बिलासपुर–मीटर शिफ्टिंग में लाखों रूपयों के घोटाले के आरोपी को विशेष अनुसंधान सेल तीन साल बाद पकड़ लिया है। आरोपी ने शासन को फर्जी यूजर आईडी के सहारे करीब 35 लाख रूपयों से अधिक का चूना लगाया है। घोटाले में शामिल एक अन्य आरोपी को पहले ही कोर्ट में पेश किया जा चुका है। दोनों आरोपियों ने बिना मीटर लगाए शासन का पैसा खाते से निकाल लिया था।आईजी के निर्देश पर जांच पड़ताल के बाद विशेष अनुसंधान सेल ने मीटर घोटाले के आरोपी विजय कुमार अंचतानी पिता स्वर्गीय प्रताप राय अंचतानी को बिलासपुर के जबड़ापारा से गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी ने आरोपी को मुंगेली पुलिस के हवाले कर दिया है। जबकि मामले में दूसरा आरोपी कोरबा निवासी घनश्याम विधवानी पिता हीरानंद विधवानी को कोर्ट में पेश किया जा चुका है।
मालूम हो कि जबड़ापारा निवासी विजय अंचतानी और कोरबा निवासी घनश्याम विधवानी को मुंगेली में मीटर शिफ्टिंग का ठेका मिला। दोनों ने फर्जी तरीके यूजर आईडी के सहारे फर्जी बिल बनाकर मुंगेली बिजली वितरण कम्पनी के खाते से 35 लाख रूपए निकाल लिया। बावजूद इसके दोनों ने मीटर शिफ्टिंग का काम नहीं किया। मामले की जानकारी मुंगेली विद्युत वितरण कम्पनी के तात्कालीन मुख्य अभियता को हुई। मुख्य अभियंता शंकेश्वर कंवर ने दोनों के खिलाफ मुंगेली में नामजद फर्जीवाड़ा का अपराध दर्ज कराया।
मामला सामने आने के बाद आईजी ने विशेष अनुसंधान सेल को जांच पड़ताल के बाद कार्रवाई का आदेश दिया। जांच पड़ताल में कोरबा निवासी घनश्याम विधवानी को पकड़ कर कोर्ट में पेश किया। लेकिन दूसरा मुख्य आरोपी बिलासपुर जबड़़ापारा निवासी विजय कुमार अंचतानी फरार हो गया। एसआईटी विजय के ठिकानों पर लगातार नजर रख रही थी।
गुरूवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने विजय को जबड़ापारा स्थित घर से धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद विजय को मुंगेली पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने मुंगेली विद्युत वितरण कम्पनी के तात्कालीन मुख्य अभियंता शंकेश्वर प्रसाद कंवर की शिकायत पर 420,467,468,471 और धारा 34 के तहत अपराध दर्ज किया था।