बिलासपुर— नए पुलिस कप्तान आरिश शेख ने बताया कि बिलासपुर में मुझे तात्कालीन पुलिस कप्तान अजय यादव की अनुपस्थित में 15 दिनों का कार्य़भार संभालने का अवसर मिला था। इसके बाद बस्तर,जांजगीर,बालोद,बलौदा बाजार,समेत दो एक अन्य जिलों में भी एसपी के पद पर कार्य करने का अवसर मिला। बिलासपुर सातवां जिला है। 2005 में आईपीएस बना…इसके बाद लगातार सेवा करने का अवसर मिला। बिलासपुर में भी जनता और पत्रकारों के साथ काम करने का अवसार मिलेगा। आरिफ ने बताया कि पुलिस का केवल गुंडो और बदमाशों के लिए होता है। कानून का पालन कराना पुलिस की जिम्मेदारी। पुलिस महकमा इस बात को अच्छी तरह से जानता है। शेख ने कहा कि पेन्डिंग मामलों की जानकारी पत्रकारों को जल्द ही दी जाएगी।
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मयंक श्रीवास्तव से पदभार लेने के बाद बिलासपुर के नए पुलिस कप्तान आरिश शेख पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होने अपने बारें में जानकारी देने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। आरिश शेख ने बताया कि अपराधियों पर नकेल कसा जाएगा। पुलिस और पब्लिक के बीच पूर्व की तरह संबधों को बेहतर किया जाएगा। कानून व्यवस्था का पालन कराना पुलिस की जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी का इमानदारी का निर्वहन हमेशा की तरह किया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में आरिफ शेख ने बताया कि पुलिस का डंडा बदमाशों के लिए होता है। बदमाशों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा। एक अन्य सवाल के जवाब में नए पुलिस कप्तान ने कहा कि कितने मामले पेन्डिंग है…समीक्षा के बाद पत्रकारों तक जानकारी दी जाएगी। नशे के टेबलेट पकडे जाने के बाद आखिर जांच की कार्रवाई धीमी क्यों हो जाती है। मामला कटनी से आगे नहीं बढ़ता। सवाल का जवाब देते हुए एसपी ने कहा कि पता लगाया जाएगा कि ऐसा क्यों होता है।
पिचळे दो सालों में पुलिस और पत्रकारों के बीच बेहतर संबध यकायक बिगड़ने लगे हैं के सवाल पर आरिफ ने बताया कि पत्रकारों और पुलिस के बीच अच्छे संबध होने चाहिए। पता लगाया जाएगा कि आखिर जिम्मेदारी प्रशिक्षु आईपीएस ने पत्रकारों से अभद्र व्यवहार क्यों किया। दुबारा इस तरह की गलती ना हो….अधिकारी को समझाइश दी जाएगी।
आरिफ शेख ने बताया कि पहले की तुलना में बिलासपुर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधरी है। सड़कें चौड़ी हो गयी हैं। नए आईजी ने ट्रैफिक को दुूरूस्त करने का संकल्प लिया है। संकल्प का पालन किया जाएगा। बालौदा बाजार के यातायात अनुभवों को बिलासपुर में भी लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होने कहा 24 घंटे मोबाइल पर हूं…कार्यालय का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा। मेरे लिए सातों दिन जनदर्शन है। जनता की सेवा और कानून का पालन करना मेरा फर्ज है। लेकिन बदमाशों के लिए रियायत कभी नहीं थी…और ना होगी।