मुंगेली(आकाशदत्त मिश्रा)-30 जनवरी को भटगांव के बमुरहाखार के पैरावट से मिली लाश की पहचान लोकेश पाटले के नाम से हुई थी।जिसके आधार पर मुंगेली पुलिस अपनी जांच पड़ताल कर रही थी।मुंगेली सिटी कोतवाली में 5 जनवरी को दर्ज लोकेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट से जांच के तार पकड़ते हुए पुलिस पिछले कुछ साल पूर्व मृतक के परिवार और पड़ोसी परिवार के बीच सम्पत्ति को लेकर हुए विवाद की शिकायत पर पहुची ।जिसके बाद पड़ोसी परिवार से पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ।5 जनवरी की दोपहर नुनियाकछार निवासी रामजी निषाद ने लोकेश को अमरूद खाने के लिए नाले के पास स्थित अमरूद के पेड़ पर चलने की बात कही।जिस पर लोकेश और रामजी अमरूद तोड़कर खाने लगे।इसी बीच पूर्वनियोजित ढंग से रामजी निषाद ने बिजली के तार से लोकेश के गले मे फंदा फसाया और उसे कस दिया। गले मे जोर पड़ने से लोकेश मौके पर बेहोश हो गया।जिससे रामजी ने पास के पानी के डबरे में उसे डूबा दिया,जिससे उसकी मौत हो गयी।घटना को अंजाम देने के बाद शाम को रामजी ने सारा घटनाक्रम अपने पिता थूकेल निषाद को बताया।जिसपर उसने अपने बेटे की मदद के लिए शव को सही ठिकाने लगाने की योजना बनाई।
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जिसके तहत उन्होंने एक बड़ी लकड़ी और कुछ रस्सियों के सहारे देर रात टार्च की रौशनी में शव को पानी से निकाला और तार रस्सियों से कसकर बांध कर लड़की के बड़े टुकड़े के सहारे पानी के डबरे से दूर बमुरहा खार क्षेत्र के धर्मादा ट्रस्ट के खेत मे रखे पैरावट में छिपा दिए। पुलिस के द्वारा संदेहियों की गिरफ्तारी कर जब अलग अलग कड़ाई से पूछताछ की गई तो रामजी निषाद के पिता थूकेल ने सारी घटना की जानकारी दी और जुर्म स्वीकार किया।जिसपर उन्हें ज्यूडिशियल रिमांड में भेज दिया गया है।
मुंगेली पुलिस द्वारा इस कत्ल की गुत्थी को सुलझाने पर पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने एक प्रेस वार्ता रखी और पूरे मामले की जानकारी दी साथ ही इस पर मिली सफलता का श्रेय अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को दी। जिले की कमान सम्हालने के बाद पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर के सामने दो ब्लाइंड मर्डर के मामले आये चुनौती बनकर सामने आए जिसपर उन्होंने बखूबी सफलता पाई और इसका श्रेय अपनी पूरी टीम को दिया।