शिक्षाकर्मियों का गुस्सा फूट रहा सोशल मीडिया में,श्रेय लेने की कोशिश..RSS समर्थित संघ से नाराजगी

Chief Editor
4 Min Read
रायपुर ।  मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन के बाद छत्तीसगढ़ में आरएसएस समर्थित शिक्षाकर्मियों के द्वारा नया संघ बनाने और मुख्यमंत्री से मुलाकात करने को संविलियन के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ने वाले शिक्षाकर्मी मोर्चा ने श्रेय लेने की चाल बताया है । छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा का  कहना है कि मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में संविलियन के लिए अब कोई बाधा नहीं है  और मुख्यमंत्री को निर्णायक फैसला लेना ही है। लेकिन श्रेय लेने के लिए कुछ अवसरवादी और महत्वकांक्षी लोगों ने एक नया संघ तैयार करते हुए अब नई चाल चलना शुरू कर दिया है जो कि अवसरवादिता की राजनीति के अलावा कुछ भी नही है।
  उन्होने कहा कि सोशल मीडिया में शिक्षाकर्मियों का गुस्सा फूट रहा है। 13 संघों से परेशान आम शिक्षाकर्मियों ने सोशल मीडिया पर ही सभी संघों को एक होने की अपील की थी।  जिस के बाद प्रदेश के 5 संघों ने मिलकर शिक्षाकर्मी मोर्चा का गठन किया था ।जिसमें प्रदेश संचालक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, केदार जैन, विकास राजपूत और चंद्रदेव राय शामिल किए गए थे।    मोर्चा ने आंदोलन की भी घोषणा की और 15 दिनों तक निर्णायक लड़ाई भी लड़ी । भले ही उनकी वापसी शून्य में हुई पर जिस प्रकार से आम शिक्षाकर्मियों ने मोर्चा का साथ दिया उससे यह तय हो गया था कि यदि सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो  सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।




Join Our WhatsApp Group Join Now
 इधर मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा के बाद तो जैसे छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर मुहर ही लग गई। प्रदेश का हर व्यक्ति यह मानकर चल रहा है कि भले ही कुछ समय लगे पर सरकार छत्तीसगढ़ में भी शिक्षाकर्मियों का संविलियन अवश्य करेगी ।क्योंकि ऐसा ना होने पर शिक्षाकर्मियों का पूरा तबका सरकार के विरुद्ध खड़ा हो जाएगा और उनके भारी संख्या बल को देखते हुए उनकी नाराजगी के बाद किसी भी पार्टी का सत्ता में आना मुश्किल दिखाई पड़ता है ।



संजय शर्मा ने आगे कहा कि पिछली बार भी शिक्षाकर्मियों की इसी तरह आंदोलन से शून्य में वापसी हुई थी ।लेकिन बाद में सरकार ने उन्हें बड़ा लाभ दिया था ।जो सभी को याद है,,,अब 15 दिनों तक निर्णायक लड़ाई लड़ने वाले आम शिक्षाकर्मी सोशल मीडिया में यह सवाल पूछ रहे हैं कि आरएसएस और आरएसएस समर्थित यह लोग उस समय कहां थे । जब पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही थी और सरकार उनके संविलियन को असंवैधानिक बता रही थी और आज जब उन्हें कुछ मिलने का समय आ रहा है तो यह श्रेय लेने के लिए नया संघ बनाने का खेल खेल रहे है ।
  सरकार को हो सकता है नए संघ से नुकसान 
संजय शर्मा ने आगे कहा  आंदोलन के बाद खड़े हुए इस संघ को लेकर आम शिक्षाकर्मियों में जबरदस्त नाराजगी है। यही कारण है कि न तो नए बने इस संघ को आम शिक्षाकर्मियों का समर्थन मिल रहा है और ना ही उनकी मौजूदगी को कोई स्वीकार करने को तैयार है। ऐसी स्थिति में सरकार को भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है । क्योंकि सरकार जब संविलियन करेगी तो इसका लाभ सभी शिक्षाकर्मी नेताओं संघ और आम शिक्षाकर्मियों को मिलेगा ।लेकिन यदि श्रेय देने का खेल होता है तो निश्चित तौर पर वह शिक्षाकर्मी जिन्होंने जमीन पर लड़ाई लड़ी है । वह सरकार से लाभ पाने के बावजूद नाराज होकर सरकार के विरुद्ध खड़े हो जाएंगे इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता ।नया संघ का सत्ता पक्ष को जबरदस्त नुकसान होगा।
close