बिलासपुर—खबर मिली है कि बिल्हा नगर पंचायत में सीएमओ और कुछ जनप्रतिनिधियों ने मिलकर दो करोड़ का टेंडर बांट लिया है। मतलब दो करोड़ का टेंडर बिना प्रक्रिया का पालन कर चहेतों को दे दिया । बिना कारण बताए टेंडर निरस्त होने के बाद नाराज अन्य आवेदकों ने अध्यक्षा और सीएमओ पर मैनेज का भी आरोप लगाया है। नाराज ठेकेदारों ने कहा कि मामले की शिकायत निकाय मंत्री से करेंगे।
बिल्हा नगरपंचायत से बिना कारण बताए टेंडर आवेदन निरस्त होने के बाद ठेकेदारों ने सीएमओ और अध्यक्षा पर मैनेज होने का आरोप लगाया है। टेऩ्डर निरस्त होने के बाद नाराज ठेकेदारों ने कहा कि मुख्य नगर पंचायत अधिकारी और कुछ चुनिंदा जनप्रतिनिधि ने मिलकर अपनों को दो करोड़ का ठेका दिया है।
मालूम हो कि बिल्हा नगरपंचायत में कुछ दिनों पहले लगभग ढाई करोड़ से अधिक टेन्डर आवेदन मंगवाया गया। 47 कामों के लिए निविदा का प्रकाशन 22 जनवरी 2018 को किया गया। आवेदन की अंतिम तारीख 2 फरवरी 2018 थी। जानकारी के अनुसार 30 ठेकेदारों ने भिन्न भिन्न कामों के लिए आवेदन भरा। लेकिन किसी को आवेदन और पर्ची समय पर नहीं मिली। शिकायत के बाद फार्म भरने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 3 फरवरी कर दिया गया।
नाराज ठेकेदारों ने बताया कि 3 फरवरी 2018 को पर्ची और फॉर्म लेने गए तो मुख्य नगरपालिका अधिकारी, मुख्य अभियंता और पंचायत के अन्य अधिकारियों ने ना तो आवेदन लिया और ना ही पर्ची दी। उल्टा अधिकारियों ने धमकाया कि किसी का भी फार्म जमा नहीं होगा। फार्म जमा करने की तारीख भी खत्म हो चुकी है। यदि किसी ने नेतागिरी की तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
ठेकेदारों ने कहा कि प्रक्रिया का विरोध करने के बाद कामों की पर्ची तो दी गयी। लेकिन फॉर्म जमा करने से मना कर दिया गया। ठेकेदारों ने बताया कि हम लोगों ने पत्र के माध्यम से मामले की शिकायत अपर संचालक नगरी निकाय ,, कलेक्टर और मुख्य नगरपालिका अधिकारी से की है।
इस बीच मुख्य नगरपालिका अधिकारी रमेश पांडे से फोन पर मामले की शिकायत की…लेकिन उन्होने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। ठेकेदारों ने बताया कि मामले की शिकायत नगरी निकाय मंत्री अमर अग्रवाल से करेंगे। मुख्य नगरपालिका अधिकारी रमेश पांडे को हटाने की भी मांग भी करेंगे।