शिक्षा कर्मियों के बीच विभाजन की दीवार खींचने की कोशिश… मोर्चा नेताओँ ने कहा -एकजुटता के साथ बनाए रखें सरकार पर दबाव

Chief Editor
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रायपुर । शिक्षा कर्मियों के संविलयन सहित 9 सूत्रीय माँगों को लेकर  लगातार प्रयासरत शिक्षक पंचायत / नगरीय निकाय मोर्चा के नेताओँ ने शिक्षा  कर्मियों से अपनी माँगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाए रखने की अपील की है। साथ ही संगठन को आपस में बांटने की कोशिश में लगे विभाजनकारी लोगों से सावधान रहने कहा है।  मोर्चा के प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत,संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे,केदार जैन व चन्द्रदेव राय ने एक संयुक्त अपील में कहा है कि एकजुटता और दबाव बनाए रखने से आने वाले समय में शिक्षा कर्मियों को संविलयन सहित अन्य लाभ मिलेगा।मोर्चा सभी वर्गके शिक्षा कर्मियों के हितों के संरक्षण के लिए प्रयासरत है।

             
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एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि  शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के बैनर तले 20 नवम्बर से 5 दिसम्बर 2017 तक संविलियन सहित नौ सूत्रीय मांगो को लेकर 15 दिनों तक आंदोलन मे पूरे प्रदेश के 1.79 हजार शिक्षाकर्मी शामिल रहे । राजधानी मे केंद्रित करने के बाद प्रारम्भ से हड़ताल मे शामिल शिक्षाकर्मियों को बैठने,रुकने,यहां तक की सार्वजनिक शौचालयों मे शिक्षाकर्मियों के लिए ताला लगा दिया गया था। साथ ही महिला शिक्षाकर्मियों सहित हमारे साथियो को सेंट्रल जेल मे गिरफ्तार कर भेजा जा रहा था। शासन द्वारा शिक्षाकर्मियों के महत्वपूर्ण मांगो पर ध्यान नही दिया जा रहा था । भारी प्रताड़ना का सामना करते हुए पूरे प्रदेश के शिक्षाकर्मी पूरे ताकत के साथ आंदोलन मे शामिल रहे। प्रताड़ना व राजनीतिक आंदोलन व शासन के रूखे व्यवहार को ध्यान मे रखते हुए शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के पांचो संचालको के सहमति से शासन से कुछ मुद्दों पर समझौता करने के बजाय आंदोलन को पूरी ताकत रहते शून्य मे वापस लेने का साहसिक निर्णय लिया गया । मोर्चा के शून्य मे आंदोलन वापसी का निर्णय शासन पर आठ वर्ष का बन्धन समाप्त कर संविलियन,वर्ग तीन के वेतन विसंगति मे सुधार,क्रमोन्नति वेतनमान सहित नौ सूत्रीय मांगो पर पुरजोर तरीके से पूरे ताकत के साथ दबाव बनाने की रणनीति के तहत किया गया और आंदोलन वापसी के बाद लगातार मोर्चा द्वारा नौ सूत्रीय मांगो को लेकर शासन पर दबाव बनाया जा रहा है ।  शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रान्तीय संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा की मोर्चा के सफल आंदोलन व रणनीति के कारण आज शिक्षाकर्मियों के संविलियन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर शासन विचार करने के लिए मजबूर हो गया है। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा ने आंदोलन के समय व पहले जब भी अधिकारियो या मंत्रियो से चर्चा हुई तो सबसे पहले वर्ग तीन सहित सभी वर्गो के वेतन विसंगति मे सुधार,पदोन्नति से वंचित शिक्षाकर्मियों को नियुक्ति तिथि से दसवें साल मे क्रमोन्नति वेतनमान देने व आठ साल का बन्धन समाप्त कर समस्त शिक्षाकर्मियों को स्कूल शिक्षा विभाग मे संविलियन कर अन्य शासकीय कर्मचारियो के समान अन्य भत्ते सहित सातवां वेतनमान प्रदान करने की मांग को शासन के समक्ष पुरजोर तरीके से रखा ।

प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत ने स्पष्ट कहा की शासन जब भी मोर्चा से अभिमत लेगा तो पुनः हम वर्ग तीन के वेतन विसंगति को दूर करने,क्रमोन्नत वेतनमान देने व आठ वर्ष का बन्धन समाप्त कर समस्त शिक्षाकर्मियों का स्कूल शिक्षा विभाग मे संविलियन कर सम्पूर्ण भत्ते सहित सातवां वेतनमान प्रदान करने की मांग को प्रमुखता से रखेंगे।शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत,संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे,केदार जैन व चन्द्रदेव राय ने आंदोलन के दौरान आंदोलन के विरोध करने वाले संगठनों से सावधान रहने की अपील समस्त शिक्षाकर्मियों से की है और कहा है की शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के द्वारा बनाये दबाव के कारण आने वाले समय मे समस्त शिक्षाकर्मियों को संविलियन सहित अन्य लाभ मिलने वाला है ।  लेकिन कुछ विभाजनकारी लोगों द्वारा वर्गवाद व आठ साल से कम के मुद्दों को उछालकर पूरे प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को वर्गवाद व वर्षवाद मे बाँटने का प्रयास किया जा रहा है ।  ऐसे विभाजनकारी लोगों से प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को सावधान रहने की प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत,संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे,केदार जैन व चन्द्रदेव राय ने अपील की है।

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