प्रदेश में बिना स्पीड गवर्नर वाले वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र होगा निरस्त

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रायपुर।सर्वोच्च न्यायालय के अधीन गठित सड़क सुरक्षा समिति के दिशा-निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अन्तर्विभागीय लीड ऐजेंसी (छत्तीसगढ़) की बैठक आज अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेल- यातायात) टी.जे. लांगकुमेर की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय नया रायपुर में आयोजित की गई। बैठक में राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये किये जाने वाले प्रयासों का विभागवार विवरण प्रस्तुत किया गया।लोक निर्माण विभाग (राष्ट्रीय राजमार्ग) एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा प्रदेश में नेशनल हाईवे तथा स्टेट हाइवे पर चिन्हित ब्लेक स्पॉट (दुर्घटना जन्य स्थानों) में किये गये सुधारात्मक उपायों का प्रस्तुतिकरण किया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री लांगकुमेर ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पूर्व में विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा 31 मार्च 2018 तक ब्लेक स्पॉट में सुधारात्मक कार्य हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए।

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बैठक में पीडब्लूडी के अधिकारियों ने बताया कि राज्य भर में नये ब्लेक स्पॉट कुल 29 चिन्हित किये गये है, इनमें 16 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष 13 ब्लेक स्पॉट का कार्य 31 मार्च 2018 तक पूर्ण हो जायेगा। बैठक में परिवहन विभाग की उपायुक्त श्वेता सिन्हा ने बताया कि पिछले दिनों राज्य भर में 22 हजार व्यावसायिक वाहनों की जांच की गई। इसमें 1820 वाहनों में स्पीड गवर्नर नहीं पाये जाने पर फिटनेश प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया। वाहनों के गति नियंत्रण विषय पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कहा कि केवल फिटनेश जांच के समय स्पीड गवर्नर की जांच पर्याप्त नहीं है। वाहनों के सड़कों पर परिचालन के दौरान भी स्पीड गवर्नर कार्य करना चाहिए इसकी जांच पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी सख्ती से करें और जिन वाहनों का स्पीड गर्वनर बंद मिले उसका फिटनेश प्रमाण पत्र निरस्त किया जाए। विशेषकर स्कूली बसों की चेकिंग अभियान चलाकर किया जाए।

लांगकुमेर ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि शहरी क्षेत्रों में ऐसे होर्डिंग्स जो वाहन चालकों का ध्यान भंग करते हो उन्हें तत्काल हटाया जाय तथा शहरी क्षेत्रों में सड़कों के किनारे अवैध रूप से खड़े वाहनों और ठेलों पर दुकान चलाने वालों को भी हटाया जाए तथा इस अतिक्रमण हटाने के लिये की गई कार्यवाही का छायाचित्र और वीडियो क्लीपिंग पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराया जाए, जिसे दिल्ली में आयोजित त्रेमासिक बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ. राजेश शर्मा ने सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज के लिए अस्पतालों में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। सहायक पुलिस महानिरीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा ने प्रदेश में सड़क दुर्घटना रोकने हेतु सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित बिन्दुओं का विवरण प्रस्तुत किया। इस बैठक में आबकारी विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। 

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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