संकट में स्मृति वन,निगम को पता नही,अतिक्रमण का रास्ता सुलभ काम्पलेक्स तक पहुंचा,कौन आएगा शौच करने?

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—राजकिशोर नगर स्थिति हरियाली वाला क्षेत्र स्मृति वन खतरे में है…पास में ही आस्था का केन्द्र छठ घाट भी है। साल में एक बार अरपा तट पर आस्था का मेला लगता है। लेकिन अब स्मृति वन के जंगलों को काटकर अतिक्रमण का खेल शुरू हो गया है। जिम्मेदार लोग सीना ठोककर कहते हैं कि निगम की अनुमति से छठघाट की दूसरी तरफ सड़क पार पुलिस सहायता केन्द्र के पीछे सुलभ शौचालय बनाया जा रहा है। सुलभ शौचालय बनने से लोगों को फायदा होगा। तर्क समझ से परे है। क्योंकि पुलिस सहायता केन्द्र में ना तो जवान नजर आते हैं और बस्ती भी किलोमीटर दूर है। यदि शौचालय बन भी गया तो  फायदा अपराधियों और स्मृति वन की बहुमूल्य जमीन पर नजर रखने वालों को ही होगाअरपापार सरंकड़ा क्षेत्र के स्मृति वन की जमीन खतरे में है। आस्था से शुरू मामला अब अतिक्रमण तक पहुंच गया है। करीब पन्द्रह साल पहले करोड़ों की लागत से राजकिशोर नगर में स्मृति वन का विकास तात्कालीन कलेक्टर और स्थानीय विधायक के प्रयास से किया गया। हरियाली रोपने मुख्य वजह बहुमूल्य जमीन को भू-माफियों की बुरी नजर बचाना था। बाद में लोगों के आस्था को ध्यान में रखकर स्मृति वन से लगे अरपा तट पर छठघाट का विकास किया गया। बिलासपुर शहर ने इसे हाथों हाथ लिया। लेकिन अब मामला अतिक्रमण तक पहुंच गया है। भू-माफियों की नजर से बच गयी स्मृति वन की बहुमूल्य जमीन एक बार फिर खतरे में है।
कुछ महीने पहले स्मृति वन के पीछे अरपा तट से लगे पुलिस सहायता केन्द्र के पीछे स्मृति वन के बड़े छोटे पेड़ पौधे गायब हो गए । मतलब तात्कालीन कलेक्टर मंडल के समय के लगाए गए पौधे पेड़ बनने के बाद काट दिए गए। पे़ड़ गायब होने के बाद बाद खाली जमीन पर पाटलीपुत्र सांंस्कृतिक समिति का बोर्ड लग गया। बताया गया कि खाली जमीन पर हरियाली का विकास होगा। महीनों बाद बिलासपुर के मेयर और  संभाग के बड़े अधिकारियों ने पौधरोपण किया। पौधों को बचाने कटीले तार से घेराव किया गया। पौधरोपण कार्यक्रम में महापौर किशोर राय ने हरियाली को लेकर जमकर कसीदे पढ़े। पाटलीपुत्र समिति के प्रयासों की जमकर तारीफ की। लेकिन काटे गए पेड़ों के बैरे में किसी ने कुछ नहीं कहा।  फिलहाल पौधरोपण के कुछ महीने बाद एक बार फिर स्थितियां बदलती नजर आ रही हैं।खाली जमीन पर सुलभ शौचालय का निर्माण शुरू हो गया है। मतलब साफ है कि सुलभ शौचालय के कुछ महीने बाद खाली जमीन पर चौकीदार और आनेजाने वालों के लिए रेस्ट हाउस बनाया जाएगा। ऐसा हुआ तो किसी को आश्चर्य में पड़ने की जरूरत नहीं है।
नदी तट पर शौचालय प्रतिबंधित
अरपा तट की जमीन ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में है। निजी जमीन पर भी किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जासकता है। बावजूद इसके ठीक पुलिस सहायता  केन्द्र के पीछे सुलभ शौचालय का निर्माण शुरू हो गया। क्षेत्र में किसी प्रकार के निर्माण से पहले जिला प्रशासन या निगम प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है। लेकिन निर्माण करने वालों ने ऐसी किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। मतलब अतिक्रमण का खेल शुरू हो गया है। कुछ दिन पहले स्मृति वन क्षेत्र में जेसीबी से मिट्टी काटकर समतल किया गया। अब समतल जमीन पर सुलभ शौचालय का निर्माण शुरू हो गया है।
 बैठक में किया था लोगों ने विरोध
    बताया जा रहा है कि समिति ने एक बैठक में सुलभ निर्माण का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव का समिति के ज्यादातर सदस्यों ने विरोध किया। इस दौरान लोगों ने सुलभ निर्माण के फैसले को गैर जिम्मेदाराना भी बताया। कानूनी अड़चनों को भी सामने रखा गया। बावजूद इसके समिति के कुछ सदस्योंं ने सुलभ शौचालय के फैसले को सही बताया। अब तो खाली जमीन पर काम भी शुरू हो गया है।
 दूर तक बस्ती नहीं…किसके लिए शौचालय
                  जिस स्थान पर सुलभ बनाया जा रहा है वहांं राजकिशोर नगर की बस्ती काफी दूर है। पुलिस सहायता केन्द्र तो है लेकिन जवान कभी कभी ही नजर आते हैं।  फिर प्रश्न उठता है कि सुलभ काम्लेक्स किसके लिए बनाया जा रहा है। बनाने के पहले जिम्मेदार अधिकारियोंं से एनओसी क्यो नहीं लिया गया।
 रिकार्ड में छोड़े बड़े झाड़ के जंगल
 जिस स्थान पर सुलभ का निर्माण किया जा रहा है…उसके आस पास की जमीन को समतल कर दिया गया है। जंगल गायब हो गए हैं। पटवारी रिकोर्ड में जमीन पर छोड़े बड़े झाड के जंगल हैं। कुछ साल बाद यदि यहां कांक्रीट के जंगल उग आएं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
 महापौर ने कहा हमें नहीं मालूम
               मामले में महापौर किशोर राय ने कहा कि सुलभ निर्माण की जानकारी हमें नहीं है। हमसे किसी ने एनओसी नहीं लिया है। एनओसी देने का सवाल ही नहीं उठता है।  फिर भी पता लगाएंगे कि जमीन पर किसकी अनुमति से निर्माण किया जा रहा है। सुलभ बनाने का कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि आस पास के क्षेत्र में सुलभ के लिेए इसानों का रहना भी जरूरी है।
 जनता को समर्पित…निगम को दी है जानकारी
  पाटली पुत्र सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष एसपी सिंंह ने कहा कि यहां सुलभ काप्लेक्स बनाने से पहले निगम को जानकारी दी गयी है।  काम्प्लेक्स बिलासपुर वासियों का होगा। इस पर किसी समाज या समुदाय की हक का सवाल ही नहीं उठता है। जो कुछ  है बिलासपुर और विलासपुर वासियों का है। मुझे नहीं लगता कि इसका विरोध होना चाहिए।चूंकि परमार्थ का काम है इसलिए एनओसी भी मिल जाएगी।
 बन जाएगा अपराधियों का अड्डा
स्मृति वन के आस पास का क्षेत्र अपराधियों का अड्डा है। आए दिन यहां कोई ना कोई घटनाएं होती हैं। ऐसे में यदि नियम विरूद्ध शौचालाय  बनाया भी जाता है तो अपराधियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं होगा।
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