शिक्षाकर्मी:22 कमेटी जैसा हाल न हो..CS की अध्यक्षता वाली कमेटी अपना रिपोर्ट सौपे शासन को

Shri Mi
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रायपुर।शिक्षाकर्मियों की समस्याओं और मांगों पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की मियाद 5 मार्च को पूरी हो रही है। शिक्षा कर्मियों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि समिति अपनी रिपोर्ट कब तक पेश करेगी और उसमें क्या सुझाव पेश किए जाएंगे। शिक्षा कर्मियों को उम्मीद है कि कमेटी और सरकार का रुख सकारात्मक रहेगा। ऐसी स्थिति नहीं बनने पर फिर से आंदोलन की चेतावनी दी गई है।शिक्षा कर्मी संगठन की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 20 नवम्बर से 04 दिसम्बर 15 दिनों तक शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के बैनर तले चले आंदोलन के शून्य मे वापसी के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के अध्यक्षता मे कमेटी बनाकर शिक्षाकर्मियों के मांगो पर विचार कर 03 माह मे रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा।
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जिस पर मुख्य सचिव के अध्यक्षता मे दो बार बैठक हुई व नवीन शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़ सहित 09 संगठनों से शिक्षाकर्मियों के मांगो के सम्बन्ध मे सुझाव/प्रस्ताव मांगा गया। जिस पर मोर्चा मे शामिल 05 संगठनों ने पूरी एकजुटता के साथ आंदोलन के पहले व आंदोलन के दौरान जो मांग पत्र शासन-प्रशासन को सौपा था, उसी मांग पत्र को पुनः सौप कर आठ वर्ष का बन्धन समाप्त कर सभी शिक्षाकर्मियों का संविलियन व सांतवां वेतनमान देने,वर्ग तीन के वेतन विसंगति मे सुधार करने,क्रमोन्नति वेतनमान देने सहित 09 सूत्रीय मांग को कमेटी के समक्ष सुझाव/प्रस्ताव के रूप मे प्रस्तुत कर 03 महीने के समय-सीमा के अंदर कमेटी अपना रिपोर्ट सरकार को देंगे। ऐसा विश्वास व्यक्त किया।

शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रान्तीय संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा है की विगत 20 वर्षो मे शिक्षाकर्मियों के मांगो के निराकरण के लिए 22 कमेटी सरकार द्वारा बनाया गया लेकिन 22 कमेटी के एक भी रिपोर्ट को न तो सार्वजनिक किया गया और न ही कमेटी के माध्यम से कोई समस्या का निराकरण हुआ,प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा की प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के द्वारा गठित कमेटी का हाल 22 कमेटी जैसा न हो इसलिए सरकार द्वारा तय समय-सीमा 03 माह 05 मार्च को पूरा हो रहा है कमेटी अपना रिपोर्ट 05 मार्च को सरकार को सौपे जिससे सरकार व शासन की विश्वसनीयता बनी रहे।

प्रान्तीय प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार ने कहा है की शासन समय -सीमा के अंदर रिपोर्ट नही सौंपती है तो बहुत जल्दी मोर्चा का बैठक रायपुर मे रखा जायेगा और शिक्षाकर्मियो के हित मे आंदोलन सहित सभी विकल्पों पर विचार कर आगे की रणनीति सर्वसम्मति से बनाया जायेगा।महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष उमा जाटव,प्रदेश सचिव गिरीश साहू व सोशल मीडिया प्रभारी मनोज चंद्रा ने कमेटी द्वारा बनाया गया रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग सरकार व कमेटी के सदस्यो से किया है जिससे पारदर्शिता बनी रहे व सरकार द्वारा शिक्षाकर्मियों के संविलियन सहित सभी मांगो पर ठोस निर्णय हो सके और प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मियों को बार-बार स्कूल के स्थान पर सड़क पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करने की आवश्यकता ही न हो।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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