बिलासपुर—ट्रेड यूनियन कौंसिल बिलासपुर के नेताओं ने एक बैठक के दौरान देश में बढ़ रही असहिष्णुता पर गंभीर चिंंता जाहिर की है। बैठक का आयोजन कर्मचारी भवन डबरीपारा में किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने निजी समस्याओं को सामने रखा। मूर्ति तोड़ने जैसी गतिविधियों की आलोचना भी की।
बिलासपुर ट्रेड यूनियन कौंसिल अध्यक्ष पी.आर.यादव ने मूर्ति से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को लेकर चिंंता जाहिर की है। पी.आर.यादव ने बताया कि डबरीपारा कर्मचारी भवन में एक बैठक में सभी सदस्यों ने देश में बढ रही असिहष्णुता को लोकतंत्र के लिए घातक बताया है। यादव के अनुसार बैठक में कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को भी सामने रखा। देश में बढ़ रही असहिष्णुता पर गंभीर चिंतन मनन भी किया।
यादव के अनुसार लोकतंत्र में चुनाव हारना- जीतना सिक्के के दो पहलू हैं। कोई जीतता है तो किसी की हार भी होती है। लेकिन जीत की उन्माद में मूर्तियां तोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेनिन मेहनतकशों के अधिकारों के लिए जनमुक्ति के आदर्श रहे हैं। महान क्रांतिकारी भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद के आदर्शों में शुमार हैं । लेकिन जीत की उन्माद में लोगों ने त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति को नेस्तनाबूद कर दिया।यह लोकतत्र के बहुत ही दुखद है।
ट्रेड यूनियन नेता पीआर यादव ने बताया कि तमिलनाडु में सामाजिक न्याय के पुरोधा रामास्वामी पेरियार की मूर्ति तोड़ना शर्मसार करने वाली घटना है। उत्तर प्रदेश में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को तोड़कर फेंक दिया गया। डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति से छेड़छाड़ जैसी घटना देश की एकता अखंडता के लिए घातक है। इस प्रकार की हरकतों से देश में अराजकता का माहौल पैदा होगा। मेहनतकश जनता की कठिनाई कम नहीं होकर बल्कि बढ़ेंगी।
पीआर यादव ने बताया कि भारत सर्वधर्म और सर्वविचारों वाला देश है। सबकों बोलने और विरोध करने की आजादी है। इन सबके बीच इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि किसी के आत्माभिमान को ठेस ना पहुचे। लेकिन देखने में आ रहा है कि लोग उन्माद में लोकतत्र की मर्यादा को भूल चुके हैं। जिससे देश में असहिष्णुता का वातावरण बन रहा है।
बैठक के दौरान ट्रेड यूनियन कौंसिल काउंसिल के सदस्यों ने घटनाओं की कड़ी निंदा की है। लोगों से अपील कर भावनाओं से ऊपर उठकर कानून के शासन को मजबूती देने को कहा है।