स्मार्ट कार्ड से भी सामान्य लोगों को नहीं मिल पा रही इलाज की सुविधा…. कुछ प्राइवेट अस्पतालों ने खड़े किए हाथ..

Chief Editor
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बिलासपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने  प्रदेश के सभी तबके के लोगों के इलाज के लिए  मदद करने बीमा योजना शुरू की है। इस योजना को देश मे अपनी तरह की बेहतर योजनाओँ में शामिल किया गया है । लेकिन शहर के कई निजी अस्पतालों में लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जिससे लोग सरकार की योजना होते हुए भी जेब से खर्च कर अपना इलाज करा रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ बीमा की दो याजनाएं चल रही हैं। जिसके लिए लोगों को स्मार्ट कार्ड बनाकर दिए गए हैं। एक योजना में इलाज का खर्च राज्य और केन्द्र सरकार के मद से राशि मिलती है। जबकि दूसरी  योजना में राज्य सरकार पूरी तरह से फँडिंग करती है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना को देश में स्वास्थ बीमा की बेहतर योजनाओँ में शामिल किया जाता है। पहली योजना राष्ट्रीय स्वास्थ बीमा योजना के नाम से है। जिसमें खाद्यान्न योजना के तहत बीपीएल कार्डधारियों के स्मार्ट कार्ड बनाए जाते हैं। इस योजना में प्रदेश और केन्द्र सरकार की ओर से फंडिंग की जाती है। दूसरी योजना मुख्यमंत्री स्वास्थ बीमा योजना के नाम से है। जिसके तहत सामान्य लोगों के कार्ड बनाए गए हैं। जिसमें  राज्य सरकार फंडिंग करती है। सरकार का मकसद है कि बीपीएल के अतिरिक्त सामान्य लोगों को भी बीमारियों के इलाज में इस योजना का लाभ मिल सके। जानकारी के मुताबिक स्मार्ट कार्ड के जरिए सभी तरह की बीमारियों के इलाज के लिए अलग-अलग पैकेज तय किए गए हैं। हाल ही में इस योजना के तहत इलाज के खर्च की राशि भी बढ़ाई गई है। पूरे प्रदेश के लोग इसका लाभ उठा रहे हैं।

लेकिन जानकारी मिल रही है कि शहर के कुछ  प्राइवेट अस्पतालों में सामान्य लोगों को स्मार्ट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। दरअसल कुछ अस्पतालों ने मुख्यमंत्री स्वास्थ बीमा योजना के तहत लोगों के इलाज के मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि पैकेज में कमी बताकर इलाज करने से इंकार किया जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री स्वास्थ बीमा योजना के पैकेज अन्य राज्यों के मुकाबले अग्रणी बताए जा रहे हैं। बताया यह भी जा रहा है कि कुछ प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के दौरान हुए खर्च की जाँच से  भी एतराज है। माना तो यह भी जा रहा है कि मरीजों से अतिरिक्त खर्च वसूलने के मकसद से इस तरह की बातें उठाई जा रही हैं। जिससे बीमा योजना के पैकेज से मुक्त होकर इलाज के नाम पर अधिक राशि ली जा सके।   लिहाजा सामान्य लोगों को मुख्यमंत्री स्वास्थ बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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