रायपुर । शिक्षक पंचायत / नगरीय निकाय मोर्चा के प्रातीय संचालक विकास सिंह राजपूत ने कहा है कि शिक्षाकर्मी का जब से उदय हुआ तब से लेकर अब तक जो परिस्थितियां बनी है ,उसके मुताबिक यह समय प्रदेश के एक लाख 80 हजार शिक्षाकार्मियों के संविलियन के लिए सबसे अनुकूल और महत्वपूर्ण समय है । जब से शिक्षाकर्मी व्यव्यस्था लागू की गई है, तब से शिक्षाकार्मियों की मूल विभाग में संविलियन की मांग रही है और वर्तमान समय सबसे महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। जहाँ एक तरफ मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की घोषणा उपरांत संविलियन की प्रक्रिया आगे बढ़ी है और शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के आंदोलन के बाद छत्तीसगढ़ में भी इसकी सुगबुगाहट शुरू हुई है।
उन्होने कहा है कि ऐसी परिस्थितियों में शिक्षाकार्मियों को गंभीरता पूर्वक कार्य करने की जरूरत है।शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के समस्त संचालक सदस्यो संजय शर्मा , वीरेंद्र दुबे , केदार जैन , चन्द्रदेव राय संचालक सदस्य शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा से हमारी अपील है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 16 मार्च की प्रस्तावित बैठक में आठ वर्ष का बन्धन समाप्त कर,वेतन विसंगति मे सुधार कर संविलियन करने की मांग उससे संबंधित तर्क एवं तथ्य प्रस्तुत किये जायें ।ताकि छत्तीसगढ़ में कार्यरत समस्त शिक्षाकार्मियों के वेतन विसंगति मे सुधार व संविलियन का मार्ग प्रशस्त हो सके। इसके लिए प्रदेश के सभी शिक्षाकार्मियों को भी अपने स्तर पर प्रयास किया जाना चाहिए।
विकास सिंह राजपूत ने सुझाव दिया है कि शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा 16 तारीख की बैठक के पूर्व एक साथ बैठकर वेतन विसंगति मे सुधार व संविलियन के लिए संयुक्त रणनीति तैयार कर सकते है । इस सिलसिले में 16 मार्च को दोपहर 12 बजे हमारी पूर्व परिचित स्थान *कलेक्टरेट गार्डन रायपुर* में मिल सकते है। कृपया आप सभी सहमति दे या नए स्थान और समय का सुझाव दे सकते है।