कोण्डागांव।पंचायत शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की 16 मार्च को मंत्रालय नया रायपुर में पदाधिकारियो के साथ आयोजित बैठक अधूरी व बेनतीजा रही है । सभी संघों को अपना पक्ष रखने का मौका दिये बगैर ही बैठक मात्र आधे घण्टे में बीच में ही समाप्त कर दी गयी । छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ऋषिदेव सिंह ने बताया कि मुख्य सचिव ने पृनः पदाधिकारियों की बैठक फिर से बुलाने की बात कही है । बैठक में शासन एवं सरकार द्वारा क्या पहल की जा रही है , इस विषय में कोई स्पष्ट खुलासा भी नहीं किया गया ।
कमेटी द्वारा मांगों के संबंध में निर्णय लेकर रिपोर्ट सौंपने के बजाय बगैर किसी गंभीरता से बार-बार बैठक बुलाये जाने से शिक्षक मोर्चा के पदाधिकारी नाराज है । शिक्षाकर्मियों के मांगों व संविलियन के लिए यह 23 वीं कमेटी है । इस कमेटी को तीन माह के भीतर मुख्यमंत्री को रिर्पोट सौंपनी थी । परन्तु समय अवधि में रिर्पोट सौंपना तो दूर अभी बैठक का दौर खत्म होने का नाम नही ले रहा है ।
इस वहज से कमेटी को एक माह का अतिरिक्त समय दिया गया है । सरकार तथा कमेटी पंचायत शिक्षकों के समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है । ऐसी स्थिति में पंचायत न.नि. शिक्षक मोर्चा ने संविलियन सहित नौ सूत्रीय मांगों के लिए पुनः संघर्ष प्रारंभ करने का निर्णय लिया है । मोर्चा के कोण्डागांव जिला संचालक ऋषिदेव सिंह, शिवराज ठाकुर एवं प्रभाकर सिंह ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आगामी 26 मार्च दिन सोमवार समय संध्या 4. बजे जिला के प्रांत, जिला, ब्लाॅक, संकुल के समस्त महिला पुरूष पदाधिकारी मिलकर जिला कलेक्टर को संविलियन व अपने मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपते हुए संघर्ष की शंखनाद करेंगे ।
मांगों पर सकारात्मक निर्णय नही लिये जाने की स्थिति में तीन अप्रैल से प्रारंभ होने वाले बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया जायेगा ।मोर्चा के संचालक ऋषिदेव सिंह का कहना है कि मोर्चा ने कमेटी सरकार व शासन को 9 सूत्रीय मांगो का तथ्यात्मक दस्तावेज सौंप दिया है । पूर्ववर्ती राज्य मध्य प्रदेश में भी पंचायत शिक्षक का स्कूल शिक्षाा विभाग में संविलियन किये जाने का निर्णय ले लिया है ।
अतः अब कमेटी को बार-बार बैठक में वक्त जाया करने के बजाय सभी पंचायत शिक्षकों के संविलियन सहित 9 सूत्रीय मांगों पर अविलम्ब रिपोर्ट सौंपना चाहिए । ताकि मुख्यमंत्री तत्काल निर्णय ले सके ।